उमस और गर्मी की बेहाली के बीच मानसून राहत लेकर आया है लेकिन डॉक्टरों का कहना है इस मौसम में लोगों को कई बीमारियों का खतरा ढ़ जाता है। ऐसे में खान पान समेत कई चीजों में सावधानी बरतने की जरूरत है। मलेरिया, डेंगू, डायरिया, हैजा, टायफायड और चिकनगुनिया कुछ ऐसी ही बीमारियां हैं, जिनसे इन दिनों बचने की जरूरत है।
एम्स के मेडिसिन विभाव के डॉक्टर नीरज निश्चल के मुताबिक गर्मी के बाद बारिश आने पर शरीर अचानक इस बदलाव को सहने में असमर्थ हो जाता है, जिससे बीमारों की संख्या बढ़ने लगती है। बारिश में दूषित पानी पीने से व्यक्ति उल्टी दस्त, पीलिया जैसी बीमारियों की गिरफ्त में आ जाता है। गंदगी से बीमारियों के बढ़ने का एक कारण लोगों की लापरवाही भी है। बारिश में लोग अपने आसपास के हालातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। गंदगी बनी रहती है और मच्छरों की तादाद बढ़ती है। मच्छरों के काटने से मलेरिया सहित अन्य बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। इतना ही नहीं खान-पान पर भी ध्यान न दिए जाने से बीमारियां बढ़ सकती हैं।
कोरोना के इस दौर में बीमारी घातक हो सकती है
हिंदूराव अस्पताल की डॉक्टर अंकिता सिंह तोमर ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौर में अगर लोगों को कोरोना के साथ टायफाइड या हैजा या डेंगू जैसी बीमारियों हो जाएं ये तो जानलेवा भी साबित हो सकती हैं। ऐसे में बेहद सावधानी बरतें और साफ सफाई का विशेष ख्याल रखें।
डायरिया और टायफाइड से ऐसे बचें
बरसात के मौसम में डायरिया एक आम समस्या है। यह संक्रमण से फैलता है और जानलेवा तक साबित हो सकता है। डायरिया से बचने के लिए खाने की चीजों को ढंककर रखें और हमेशा साफ पानी पिएं। हैजा दूषित भोजन या जल से फैलने वाला संक्रमण है, जो आंतों को प्रभावित करता है। हैजा होने के बाद दस्त और शरीर में पानी की कमी हो सकती है और अगर इलाज न हो तो मृत्यु भी हो सकती है। हैजा एक एक्यूट डायरिया संक्रमण है, जो विब्रियो कोलेरा नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। असल में हैजा एक संक्रामक रोग है। विब्रियो कोलेरे जीवाणु हैजा का कारण बनता है। यह संक्रमण से एक व्यक्ति के मल से दूषित भोजन या पानी में संक्रमण कर सकता है। हैजा के संक्रमित व्यक्ति के साथ संपर्क में आने से सीधे नहीं फैलता।
ऐसे में यह जरूरी है कि रोगी को साफ और स्वच्छ आहार दिया जाए। रोगी को साफ व उबला हुआ पानी दें। समय-समय पर ओआरएस का घोल दें। नींबू पानी देना भी फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा सौंफ का पानी या तुलसी की पत्तियों को उबाल कर ठंडा कर यह पानी भी दे सकते हैं क्योंकि पेट पहले ही कमजोर हो चुका होता है, तो रोगी को अधिक भारी आहार न दें। ताजा फलों का जूस भी दिया जा सकता है। वैसे आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
चिकनगुनिया के मामले आने शुरू हुए
दिल्ली में बरसात की वजह से मच्छर जनित बीमारियों जैसे डेंगू और चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ गया है। यमुनापार के ब्रजपुरी कालोनी में चिकनगुनिया का पहला मामला सामने आया है। यहां एक 16 साल से कम उम्र की लड़की में चिकनगुनिया के लक्षण पाए गए है। जिसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बारे में पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने जानकारी दी है।
ये उपाय अपनाएं
– बाहर का खाना खाने से बचें, सब्जियों को अच्छी तरह उबले हुए पानी में धोकर बनाएं
– इस मौसम में पीने के पानी पर। विशेष ध्यान दें। बरसात में पीने का पानी बीमारियों की बड़ी वजह बनता है
– घर या घर के आसपास बरसात के पानी को इकट्ठा ना होने दें
-कूलर के पानी को हर दो तीन दिन में जरूर बदलें। गमले या सड़कों पर भी पानी जमा ना होने दें