कविता

दोहे

कोरोना के दौर ने सब कुछ दिया मरोड़टूट-टूट बिखरे सभी नही कहीं है ठौर। अपनों का परिचय दिया कोरोना गंभीरकौन...

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परछाई

परछाइयां ढूंढती हूं पुराने देवदार के तले जहां मिले थे कभी अब खामोशी व्याप्त है देवदार के नजदीक पहुंच कर...

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माँ

माँ चंदन है माँ वंदन है, माँ स्नेहावतार है, माँ का प्रेम है पावन सरिता,माँ गंगा की धार है।। माँ...

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