Tag: कविता

माँ

माँ चंदन है माँ वंदन है, माँ स्नेहावतार है, माँ का प्रेम है पावन सरिता,माँ गंगा की धार है।। माँ ...

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जब, एक दिन..

सुबोध श्रीवास्तव           जब, एक दिन वहां, जहां खड़ा हैवह वृक्षमानवआसपास बसती हैएक समूची दुनिया।वृक्षमानवबखूबी जानता ...

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वेदना

वेदना  प्रकाश "मणिभ" की कविता ------------------------------------------------------------ सिमट सिमटा कर अपनी भावों में कुछ खोजता हूँ तो तो कुछ मिलता नहीं ...

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