इंदौर के एक इलाके में चूड़ियां बेचते समय अपनी पहचान छुपाने के आरोप में पीटा गया तस्लीम अली को मंगलवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। 24 अगस्त को इंदौर के गोविंद नगर में चूड़ियां बेचने के लिए एक नाबालिग से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार हुए तस्लीम अली ने 107 दिन जेल में बिताए।
मंगलवार को जमानत मिलने के बाद इंदौर के चूड़ी फड़ व्यापारी तस्लीम अली के वकील एहतेशाम हाशमी ने इसे “संविधान की जीत” कहा। उन्होंने कहा, “जस्टिस सुजॉय पॉल ने अपने आदेश पत्र में देखा है कि तसलीम को गुंडों ने पीटा था और फिर उसकी शिकायत के बाद एक क्रॉस प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अभियोजन पक्ष ने यह कहते हुए जमानत प्रक्रिया में देरी करने का जानबूझकर प्रयास किया था कि जमानत मिलने के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है या वह यूपी से ताल्लुक रखने के कारण वह भाग सकता है।”
द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए हाशमी ने यह कहा कि राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों और पुलिसकर्मियों ने उनकी रिहाई में देरी करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने अली को यह कहते हुए जमानत दे दी है कि सभी सबूत एकत्र कर लिए गए हैं और आरोप पत्र दायर किया गया है।
नाबालिग से छेड़छाड़ का आरोप
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में 25 वर्षीय तस्लीम अली को कुछ लोगों ने पीटा। घटना राखी के दिन की बताई जा रही है। अली पर आरोप है कि उसने महिलाओं को चूड़ियां पहनाने के एवज पर उनके साथ छेड़छाड़ की थी। इसके बाद आरोपियों ने अली को न सिर्फ पीटा बल्कि हिंदू क्षेत्र में कभी न आने की धमकी भी दी। घटना के अगले ही दिन पीटने वाले शख्स की नाबालिग बेटी ने अली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर अली के खिलाफ केस और मजबूत कर दिया।
अली पर हमला करने के लिए गिरफ्तार किए गए चारों शख्स राकेश पवार, विवेक व्यास, राजकुमार भटनागर और विकास मालवीय पर डकैती, धार्मिक भावनाओं को आहत करने, धर्म के आधार पर दुश्मनी को बढ़ावा देने और दंगा करने का आरोप लगाया गया था। हालांकि इन चारों को कुछ दिनों में ही जमानत मिल गई थी लेकिन पीड़ित अली को 107 दिन जेल में ही बिताने पड़े।
अली की जुबानी घटना का वाकया
घटना के बारे में बोलते हुए अली ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था, “जैसे ही मैंने खरीदारों को बुलाया, एक आदमी ने मुझे पकड़ लिया और मेरा नाम पूछा। सबसे पहले मैंने उसे अपने वोटर आईडी कार्ड पर नाम ‘भूरा’ बताया। जब उन्होंने पूछा कि क्या मैं मुस्लिम हूं और मैंने हां कहा, तो उन्होंने फिर से मेरा नाम पूछा। मैं हिचकिचाया और फिर कहा तसलीम। उसने यह कहते हुए पीटना शुरू कर दिया कि उनके क्षेत्र में वह कैसे आ सकता है? फिर पीटने वाले शख्स ने कुछ और लोगों को मौके पर बुला लिया। इसके बाद चारों लोगों ने खूब पिटाई की। उन्होंने कहा कि मैं मुस्लिम होने के बावजूद इलाके में कैसे आया और मैं उनकी मां और बहनों के साथ दुर्व्यवहार कर रहा था।”
उधर, अली के खिलाफ अपनी शिकायत में लड़की ने आरोप लगाया था कि वह दोपहर 2 बजे के आसपास उनके घर आया था, जब उसके पिता घर पर नहीं थे। आधा जला आधार कार्ड दिखाते हुए खुद को गोलू बताया। नाबालिग के मुताबिक, “हमने उससे चूड़ियां खरीदना शुरू किया। जैसे ही मेरी माँ पैसे लेने गई, चूड़ी-विक्रेता ने मेरी ओर अभद्र दृष्टि से देखा और मेरा हाथ पकड़कर कहा, ‘मैं तुम्हें चूड़ियां पहनने में मदद करूंगा। उसने मेरे गालों को भी गलत तरीके से छुआ।”