जिले के चिड़ी गांव में अल सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में खेतों में आग लग गई। आग तेज से फैलती गई और करीब 44 एकड़ गेंहू ओर फ़ांस को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे गेहूं की खंड़ी फसल जलकर राख हो गई। जिसके कारण 12 से 15 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। आगजनी का पता चलते ही किसान अपने-अपने खेतों की ओर दौड़ पड़े। पहले किसानों ने अपने स्तर पर आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हुए। वहीं आग लगने की सूचना दमकल विभाग को दी गई। सूचना पाकर दमकल विभाग की 2 गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। गांव चिड़ी निवासी कर्ण सिंह, मंजीत, राजबीर, बलवान, जगबीर, महेंद्र, चांद व रमेश के खेतों में खड़ी फसल जलकर राख हो गई।
किसानों की उम्मीद जलकर राख
वहीं दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि इस बार गेहूं की फसल बेचकर वो अपना कर्ज उतारना चाहते थे, तो कोई कह रहा कि वो अपने बच्चों की शादी करना चाहता था। लेकिन अचानक लगी आग से उनके सारे सपने धूमिल हो गए। किसानों ने कहा कि पहले बारिश और ओलावृष्टि से उनकी फसल खराब हो गई थी, बची खुची फसल से कुछ थोड़ी बहुत उम्मीद थी। लेकिन अब वह भी राख हो चुकी है।
आगजनी से फसलों का 100% हुआ नुकसान
शिरडी गांव के ही पूर्व सरपंच धर्मपाल ने बताया कि सूचना मिलते ही वह तुरंत खेतों की ओर गए। देखा की आग ने अपनी चपेट में फसलों को ले रखा है। इसको लेकर तुरंत प्रभाव से उच्च अधिकारियों से बात की जिसके बाद उन्हें उचित आश्वासन मिला है। किसानों का कहना है कि उन्हें कम से कम ₹50000 मुआवजा मिलना चाहिए, ताकि नुकसान की भरपाई कर सके। वहीं आग से जली फसलों का मुआयना करने पहुंचे पटवारी प्रवीण ने बताया कि जली हुई फसलों में 100% तक नुकसान हुआ है। जिसकी एक रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों तक भेजी जाएगी। गौरतलब है कि रोहतक जिले के खेड़ी गांव में देर रात खेतों अचानक आग लगने से लगभग 44 एकड़ फसल जलकर राख हो गई।