बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के परंपरागत वोट बैंक पर सेंध लगाने की कवायद के तहत समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को यहां बसपा संस्थापक कांशीराम (Kanshiram) को सामाजिक परिवर्तन (Social change) का महानायक बताते हुये उनकी प्रतिमा (Statue) का अनावरण किया और कहा कि सपा बसपा में सेंध नहीं लगा रही है बल्कि बहुजन समाज को एक सूत्र में बांधने का काम कर रही है।
बता दें कि अखिलेश यादव ने सोमवार को रायबरेली के ऊंचाहार इलाके के दीनशाह गौरा में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के कॉलेज में लगी मान्यवर कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया। यह पहला मौका है जब अखिलेश ने काशीराम की मूर्ति का अनावरण किया है। इस मौके पर यादव ने मौर्य के पिता स्वर्गीय बदलू मौर्य की प्रतिमा का भी अनावरण किया। हालांकि अखिलेश के कांशीराम की प्रतिमा के अनावरण को लेकर यूपी की सियासत तेज हैं। क्योंकि एक तरफ अखिलेश अब अपने इस दांव से बसपा सुप्रीमो मायावती को भी झटका दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ सपा अब कभी कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में एससी वोट बैंक में सेंध लगा रही है।
कांशीराम को चुनाव जीताने में नेताजी ने मदद की
उन्होंने कहा कि कांशीराम ने पहली बार इटावा से चुनाव जीता। कांशीराम के चुनाव जीतने में नेताजी मुलायम सिंह यादव ने मदद की। इसके बाद यूपी में नई राजनीति शुरू हुई। उन्होंने कहा कि उस समय एक नारा दिया गया जिसको गलत तरीके से दिखाया गया।
गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को पार्टी की विशेष बैठक में बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर बसपा को कमजोर करने के लिए दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया। मायावती ने कहा था, “विरोधी दल उत्तर प्रदेश में बसपा को कमजोर करने के साथ-साथ दलितों को गुमराह करके उन्हें पार्टी आंदोलन से अलग करने की साजिश रचते हैं । मीडिया के माध्यम से दलित वोट बैंक में दरार पड़ने की विषैली व घिनौनी खबरें प्रचारित तथा प्रसारित करते रहते हैं। हालांकि, इन खबरों में रत्तीभर भी सच्चाई नहीं होती है।