राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ते मंकीपाॉक्स के मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने मंगलवार को तीन निजी अस्पतालों में आइसोलेशन रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, दिल्ली में रहने वाला एक और नाइजीरियाई व्यक्ति मंकीपॉक्स के लिए पॉजिटिव पाया गया है। दिल्ली में यह मंकीपॉक्स का तीसरा मामला है।
दिल्ली सरकार के चिकित्सा अधीक्षक नर्सिंग होम ने 3 निजी अस्पतालों को मंकीपॉक्स के मामलों के लिए कम से कम 10 आइसोलेशन रूम बनाने का निर्देश दिए हैं। इनमें 5 रूम मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामलों के प्रबंधन के लिए और 5 आइसोलेशन रूम मंकीपॉक्स के पुष्ट मामलों के लिए होंगे।
दिल्ली सरकार ने पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग एक्सटेंशन में स्थित कैलाश दीपक अस्पताल, उत्तरी दिल्ली के एम.डी. सिटी अस्पताल और दक्षिणी दिल्ली के तुगलकाबाद में स्थित बत्रा अस्पताल और रिसर्च सेंटर में मंकीपॉक्स केसों के लिए 10-10 रूम के आइसोलेशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया है। तीनों ही अस्पतालों में 5-5 रूम संदिग्ध मरीजों के लिए और 5-5 रूम संक्रमितों के लिए रखने होंगे।
ये हैं मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स एक वायरल जूनोसिस (जानवरों से इंसान में फैलने वाली बीमारी) है जिसमें चेचक के रोगियों में अतीत में देखे गए लक्षणों के समान लक्षण होते हैं, हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, अस्वस्थता, सिरदर्द, कभी-कभी गले में खराश और खांसी, और लिम्फैडेनोपैथ (लिम्फ नोड्स में सूजन) से शुरू होता है और ये सभी लक्षण त्वचा के घावों, चकत्ते और अन्य समस्याओं से चार दिन पहले दिखाई देते हैं जो मुख्य रूप से हाथ और आंखों से शुरू होते हैं और पूरे शरीर में फैलते हैं।
केंद्र सरकार ने बनाई पांच सदस्यीय टास्क फोर्स
बता दें कि, दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे मंकीपॉक्स (Monkeypox) के मामलों ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। केंद्र सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए अब पांच सदस्यीय एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार देर शाम जारी आदेश में कहा गया है कि नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल इस पांच सदस्यीय टास्क फोर्स की निगरानी करेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के अलावा बायोटेक्नोलॉजी विभाग सचिव और फार्मा सेक्टर से जुड़े शीर्ष अधिकारी भी इसका हिस्सा होंगे। बताया गया है कि यह टास्क फोर्स मंकीपॉक्स बीमारी की रोकथाम के साथ ही इसके इलाज और टीकाकरण को लेकर दिशानिर्देश तय करेगी। भविष्य में किसी भी तरह की चुनौतियों का सामना करने और सरकारी कामकाज में देरी से बचने के लिए ही अलग-अलग मंत्रालयों से जुड़े इन अधिकारियों को एक साथ टीम में रखा गया है।