दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान एक व्यक्ति पर तलवार से जानलेवा हमला करने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ दंगा, हत्या के प्रयास और डकैती के आरोप तय किए हैं। यह मामला करावल नगर थाने में दर्ज एफआईआर से जुड़ा है। पीड़ित जफर जिया के पिता हामिद अली की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला ने तीन आरोपियों विनय, राहुल और सौरभ शर्मा उर्फ सोनू के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी सभा, हत्या के प्रयास और डकैती से संबंधित अपराधों के आरोप तय किए। इस मामले में तीनों आरोपी जमानत पर हैं।
जज ने कहा कि मुझे लगता है कि सभी तीन आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 427, 307, 395 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए धारा 149 आईपीसी के तहत मामला बनता है। हालांकि, धारा 436 (आगजनी द्वारा शरारत) आईपीसी के तहत अपराध के लिए कोई मामला नहीं बनता है।
विशेष लोक अभियोजक आर.सी.एस. भदौरिया ने तर्क दिया कि आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और डकैती की धाराओं के तहत आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
अदालत ने कहा कि यह पूरी तरह साबित हो गया है कि घायल जफर जिया के सिर पर दंगाइयों द्वारा हमला किया गया था और यह सामान्य ज्ञान की बात है कि किसी व्यक्ति के सिर पर तलवार से हमला करने से उस व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है, इसलिए, प्रथम दृष्टया आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला परिलक्षित होता है।
अदालत ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता से 5,000 रुपये की राशि और मोटरसाइकिल से संबंधित अन्य दस्तावेज भी भीड़ द्वारा लूट लिए गए, जिसमें स्पष्ट रूप से पांच से अधिक व्यक्ति शामिल थे।
अदालत ने आगे कहा कि सिर्फ इसलिए कि भीड़ में शामिल सभी पांच व्यक्तियों या अन्य सदस्यों का पता नहीं लगाया जा सका और जांच एजेंसी द्वारा चार्जशीट नहीं किया जा सका, यह नहीं कहा जा सकता है कि पांच या अधिक व्यक्तियों के समूह द्वारा डकैती नहीं की गई थी।
जज ने कहा कि इन परिस्थितियों में, मुझे अभियुक्त व्यक्तियों के खिलाफ किए जा रहे डकैती के अपराध के लिए एक प्रथम दृष्टया मामला भी मिलता है। इस मामले में एक हामिद अली की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि 24 फरवरी, 2020 को रात करीब 10:30 बजे उनका बेटा जफर जिया खजूरी के रास्ते पर था और करावल नगर की चेक पोस्ट के सामने अचानक 20 या 25 बदमाश या दंगाइयों ने दौड़कर उसका नाम पूछा और उसे मोटरसाइकिल से नीचे धकेलने के बाद उन्होंने जफर जिया के सिर पर कई बार तलवार से वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि उसका बेटा अपनी जान बचाने के लिए वहां से भाग गया और उस जगह से दूर जाने के बाद बेहोश हो गया। इसी दौरान कुछ लोग उनके बेटे के पास आए और उसे होश में लाए। इसके बाद वे उसे घर छोड़ गए।
अली ने कहा कि होश में आने के बाद उसके बेटे ने उसे सारी बात बताई और वह तुरंत उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले गया, जहां उसे टांके लगाए गए। उसके सिर में काफी गंभीर चोट आई थी।
जांच के दौरान जांच अधिकारी (आईओ) एचसी शफीक अहमद ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की तलाशी ली, लेकिन उन्हें वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। आईओ ने घायल जफर जिया का बयान दर्ज किया।
07 मार्च, 2020 को हेड कॉन्स्टेबल पुरुषोत्तम ने बताया कि तीन आरोपियों रोहित, वीरेंद्र और सोनू उर्फ अश्विनी को एक अन्य एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है जो अन्य मामलों में भी शामिल हैं। उन्हें गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में छह आरोपियों सोनू उर्फ अश्विनी, वीरेंद्र, रोहित, विनय, राहुल और रंजीत के खिलाफ मुख्य आरोप पत्र दायर किया गया था।
हालांकि, 5 जनवरी, 2021 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने केवल दो आरोपियों विनय और राहुल के खिलाफ संज्ञान लिया था और शेष चार आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अपराधों का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था, यह देखते हुए कि किसी के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री नहीं थी। इसके बाद, मामला 7 सितंबर, 2021 को सत्र न्यायालय में पेश किया गया।
23 दिसंबर 2021 को आरोपी विनय और राहुल समेत एक अन्य आरोपी सौरभ शर्मा उर्फ सोनू के खिलाफ पहला सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया गई थी।