दिल्ली हाईकोर्ट से दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गुरुवार को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने गुरुवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद से निलंबित करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि हिरासत में होने के बावजूद जैन अब भी एक कैबिनेट मंत्री के भत्तों और विशेषाधिकारों का आनंद ले रहे हैं। जबकि उनपर गंभीर प्रकृति वाले आरोप लगे हैं, जिसके लिए उन्हें कड़ी सजा मिल सकती है।
31 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। वे फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद हैं। इससे पहले कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। एक जुलाई को ईडी ने स्वास्थ्य मंत्री के दो करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। अदालत ने वैभव जैन की रिमांड अवधि 11 जुलाई तक बढ़ा दी है जबकि अंकुश जैन को अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
बता दें कि ईडी ने 2017 के एक मामले में सत्येंद्र जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस दर्ज किया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के जरिए 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद करने का काम किया था। वहीं जैन के सहयोगियों और अन्य व्यक्तियों के परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत किए गए एक तलाशी अभियान के दौरान संपत्ति जब्त की गई, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उनकी सहायता की थी।