अमेरिका में भारतीय छात्र छात्रों के एक वर्ग ने कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में जम्मू और कश्मीर मुद्दे को लेकर डिबेट पर कड़ी आपत्ति जताई। यूसीएसडी में भारतीय छात्रों ने विश्वविद्यालय के कला और मानविकी संस्थान द्वारा आयोजित “कश्मीर से फिलिस्तीन तक वैश्विक स्वतंत्रता संघर्ष” नामक एक वेबिनार का विरोध किया। भारतीय छात्रों ने कहा कि यह मुद्दा देश का आंतरिक मसला है, इस पर डिबेट करने से भारत के खिलाफ नफरत फैलेगी।
मिली जानकारी के अनुसार, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में वेबिनार का आयोजन 9 मई को होना था, जिसमें डिबेट का विषय था- कश्मीर में “औपनिवेशिक कब्जा”। अपने विरोध के दौरान भारतीय छात्रों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र है जहां भारत दशकों से शांति बाधित करने वाले पाकिस्तान की गुप्त रणनीतियों से निपट रहा है।
न्यूज 18 के मुताबिक, एक छात्र ने कहा, “यह देश का आंतरिक मामला है। विश्वविद्यालय को ऐसे आयोजनों का आधिकारिक मेजबान नहीं बनना चाहिए जहां अलगाववादी एजेंडा रखने वाले वक्ताओं की मेजबानी की जा रही हो।” इस डिबेट के विरोध में भारतीय छात्रों द्वारा कैंपस में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और वेबिनार से कश्मीर मुद्दे को बाहर करने की मांग की।
अमेरिका में भारतीय दूतावास में भी औपचारिक शिकायत दर्ज कराई गई है। विरोध को यूसीएसडी में अंतरराष्ट्रीय छात्र संघ द्वारा समर्थन भी मिला है। आखिरकार यूनिवर्सिटी को अपना फैसला वापस लेना पड़ा।एक भारतीय छात्र ने कहा, “विश्वविद्यालय ने इस वेबिनार की मेजबानी या विस्तार करने से पहले भारतीय आवाजों को ध्यान में नहीं रखा गया। आमंत्रित वक्ताओं में कुछ अलगाववादी और आतंकवादी सोच को समर्थन करने वाले थे। ऐसे वक्ता को एक मंच प्रदान करके आयोजक कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाने का प्रयास करना चाहते थे, जो भारतीय छात्रों के लिए किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है। यह डिबेट हमारे देश के खिलाफ सिर्फ नफरत फैलाता है। इसलिए हमने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और विश्वविद्यालय के नियमों का सम्मान करते हुए सबसे बेहतर तरीके से इस डिबेट के खिलाफ आवाज उठाई।”
विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले भारतीय छात्रों में से एक ने कहा कि विरोध को विवि ने भी स्वीकार किया और कश्मीर मुद्दे पर आयोजित होने वाले वेबिनार कार्यक्रम को अब विश्वविद्यालय के कार्यक्रम कैलेंडर से हटा दिया गया है।