राजस्थान की राजनीति में बुधवार का दिन हलचल भरा रहा। एक तरफ दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर प्रियंका गांधी की अशोक गहलोत से करीब तीन घंटे तक मीटिंग चली तो वहीं राजस्थान में कई तरह के कयास लगते रहे। इस मीटिंग को लेकर माना जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों को साधने के लिए किसी फॉर्म्युले पर पहुंचने के लिए चर्चा की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन के साथ लंबी बैठक हुई। इस मीटिंग में मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियों और राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चा हुई।
सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पर करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद अब राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर जल्द ही आखिरी फैसला होने की उम्मीद है। गहलोत की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक से कुछ घंटे पहले उनके प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की वेणुगोपाल के साथ बैठक हुई। इस बैठक के बाद पायलट ने दो टूक कहा कि कांग्रेस की सरकार बनाने वाले कार्यकर्ताओं को भागीदारी मिलनी चाहिए और यह काम जल्द होना चाहिए।
नेता भाषण देकर आ जाते हैं, बूथ पर तो कार्यकर्ता ही लड़ते हैं: पायलट
उन्होंने कहा, ‘हम सब नेता लोग तो भाषण देकर आते हैं। लेकिन वे लोग तो बूथ पर खड़े होकर कांग्रेस का झंडा उठाकर उनके लिए लड़ाई लड़ते हैं, उन लोगों को उचित मान सम्मान देने की लड़ाई और संघर्ष की बात मैंने शुरू में रखी थी। मैं आज भी इस पर कायम हूं चाहे राजनीतिक नियुक्तियां हो या भागीदारी की बात हो।’ पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जिन्होंने समर्पित भाव से भाजपा की सरकार को हराने का काम किया है। इतने सारे कार्यकर्ताओं को लगना चाहिए कि सरकार में उनकी भागीदारी है और यह सुनिश्चित करने के लिये इसी बात को प्रदेश अध्यक्ष भी कहते हैं और मैं भी कहता हूं और मुझे लगता है कि बहुत जल्द यह करना चाहिए क्योंकि राजस्थान में चुनाव सिर्फ 22-23 महीने दूर रह गए हैं। इस बात पर चर्चा हुई और मुझे लगता है बहुत जल्द अच्छे निर्णय लिये जाएंगे।’ पायलट ने जोर देकर कहा, ‘मुझे लगता है कि अब समय आ गया है इस पर आगे बढ़कर काम करना चाहिए।’
माकन बोले- 2023 में कैसे जीतेंगे, इस पर भी हुई है बात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री गहलोत के बीच बैठक के बाद कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन ने कहा, ‘हमने राजस्थान के राजनीतिक हालात पर विस्तार से चर्चा की। सिर्फ मंत्रिमंडल की ही नहीं, 2023 में हम लोग कैसे जीतकर वापस आएंगे, इस बारे में भी चर्चा हुई।’ उधर, राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों पर पायलट ने कहा कि ‘मैं फिर दोहरा रहा हूं कि अब लगभग तीन साल हो गये हैं। जो कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने कांग्रेस के लिये सब कुछ कुर्बान किया, जिन्होंने सरकार बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें लगना चाहिए कि सरकार में उनकी भागीदारी है।’