राजधानी दिल्ली के शकूरपुर इलाके में गुरुवार को महिला ने अपने दो बच्चों की हत्या कर खुदकुशी कर ली। मां और दोनों बच्चों का शव एक ही पंखे से लटकता हुआ पाया गया। सुभाष प्लेस पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल, पुलिस घरेलू कलह को वजह मानकर जांच में जुटी है। पुलिस महिला के पति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मधुबनी निवासी लाल किशोर पत्नी सविता, दो बच्चों के साथ शकूरपुर आई ब्लॉक में किराए के मकान में रहता था। लाल किशोर सुबह आसपास के इलाकों में कार की धुलाई करता था और दोपहर से एक रेस्तरां में नौकरी करता था। बताया जाता है कि गुरुवार को लाल किशोर काम पर चला गया। इस दौरान सविता ने तीन साल के बेटे आदित्य और तीन महीने की बेटी को पंखे के सहारे फंदे पर लटका दिया। फिर खुद भी फंदे से लटक गई।
रात करीब 10 बजे लाल बहादुर जब काम से लौटा तो दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब नहीं मिलने पर उसे उसे शंका हुई। लाल बहादुर ने खिड़की से झांका तो उसके होश उड़ गए। पत्नी और दोनों बच्चों को फांसी के फंदे पर लटकता देख वह चीखने लगा। स्थानीय लोगों ने तत्काल घटना की सूचना पुलिस की दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर तीनों के शवों को उतारा और बीएसए अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया। डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि शादी को पांच साल हुए हैं इसलिए एसडीएम जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पोस्टमॉर्टम का इंतजार
सुभाष प्लेस पुलिस से सूचना मिलने पर मृतका के पिता शिवदत्त यादव शुक्रवार तड़के जींद से रवाना हो गए। उनके यहां पहुंचने में शाम हो गई थी, लिहाजा शवों का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शवों को शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
तेरह फीट उंची छत पर फंदा लगाया
जब पुलिस कमरे में दाखिल हुई तो मां और दोनों बच्चों की लाश एक पंखे से लटकते हुए मिलीं। कमरे की फर्श से छत की दूरी करीब तेरह फीट है। इतनी ऊंचाई पर फंदा लगाने के लिए महिला ने पहले बेड पर कुर्सी रखी। फिर, उसपर गद्दा और तकिया आदि रखा। इसके बाद उसने पंखे के सहारे साड़ी से फंदा लगाया। पहले दोनों बच्चों को उससे लटका दिया। इसके बाद खुद फंदे से झूल गई।
एक महीने पहले ही इस मकान में आए थे
मकान मालकिन रेहाना ने बताया कि छह फरवरी को यह परिवार यहां रहने के लिए आया था। इससे पहले शकूरपुर में ही किसी दूसरे ब्लॉक में पति-पत्नी बच्चों के साथ रहते थे। रेहाना के अनुसार, उसने कभी भी दंपति को झगड़ते हुए नहीं देखा था।
ससुराल में भाई की बेइज्जती से आहत थी
सविता अपनी ससुराल में भाई की बेइज्जती से वह बेहद दुखी थी। इस वजह से पति-पत्नी में विवाद भी हो रहा था। हालांकि मौके पर कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है लेकिन, पुलिस फिलहाल इसी कलह को घटना की वजह मानकर चल रही है। बताया जाता है कि बुधवार को मधुबनी के कसयामपुर गांव में लाल बाबू के भतीजे का मुंडन संस्कार था। इसमें सविता के मायके से उसका भाई नीतीश और गौतम कुमार भी शामिल होने के लिए गए थे। बताया जाता है कि इस दौरान सविता के ससुरालवालों ने नीतीश की अनदेखी की, जिसकी वजह से वह खुद को अपमानित महसूस कर रहा था। उसने यह सारी बात बहन को फोन पर बताई जिसके बाद पति-पत्नी में कलह होने लगी। गुरुवार सुबह भी लाल बाबू के ड्यूटी पर जाते समय दोनों में विवाद हुआ था।
ससुराल में होती थी मारपीट
22 साल की सविता के चचेरे भाई प्रवीण यादव ने बताया कि बहन के साथ ससुराल में मारपीट होती थी। इसकी वजह से चार साल पहले सविता गर्भवती होने पर मायके आ गई थी। फिर डेढ़ साल पहले ही लाल बाबू पत्नी और बच्चे को लेकर दिल्ली आया था। यहीं पर तीन महीने पहले अंशिका का जन्म हुआ था। जन्म के समय देखरेख के लिए सविता के मायके से चचेरी बहन आई हुई थी।