चीन के लिए जारूसी करने के आरोपी फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। राजीव को सितंबर महीने में दिल्ली पुलिस ने एक चीनी नागरिक व एक अन्य के साथ गिरफ्तार किया था। राजीव शर्मा पर गोपनीय सूचना चीनी इंटेलिजेंस एजेंसी को देने आरोप है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा छाैंकर ने आरोपी राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। दूसरा मामले में जांच अभी भी जारी है। ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह के मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए 60 या 90 दिन का समय तय नहीं किया जा सकता।
अदालत ने यह भी कहा कि यहां देश की सुरक्षा के साथ ही दुश्मन देश के लोग भी इस मामले जुड़े हैं। उन्हें कैसे अनदेखा किया जा सकता है। राजीव शर्मा के वकील ने अपने मुवक्किल की तरफ से दलील पेश करते हुए कहा कि निर्धारित अवधि के भीतर पुलिस इस मामले में आरोपपत्र दााखिल करने में असफल रही है। लिहाजा उनके मुवक्किल को जमानत पर छोड़ दिया जाए।
उनका यह भी कहना था कि एफआईआर के अनुसार, राजीव शर्मा के खिलाफ कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट भी राजीव शर्मा की जमानत याचिका खारिज कर चुका है। हालांकि हाईकोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए थे कि वह इस मामले की जांच संबंधी स्टेट्स रिपोर्ट संबंधित अदालत में पेश करे। ताकि बचाव पक्ष को पता चल सके की पुलिस की तफ्तीश में क्या सामने आया है।