ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल से लापरवाही का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर पीएम हाउस में रखे गए शव के बदले जाने के मामले में अभी तक कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। दरअसल, 13 अगस्त की रात को इरत्याज नाम के शख्स की मृत्यु हो गई थी। कोरोना के कारण इरत्याज का शव आइसोलेशन वार्ड से पीएम हाउस में रखवा दिया गया था। परिजनों को कोरोना की रिपोर्ट आने पर शव सुपुर्द करने के लिए कहा गया था। हालांकि, जब15 अगस्त की शाम को इरत्याज की रिपोर्ट निगेटिव आई तो परिजन शव लेने के लिए पीएम हाउस पहुंचे।
वहीं, इरत्याज के बेटे हैदर को पीएम हाउस में रखे 5 शवों में शव पहचानने के लिए कहा गया था। हैदर ने उन पांच शवों में पिता का शव ना होने की बात कही। जिस पर अस्पताल प्रबंधन हैरान रह गया, जिसके बाद पूछताछ में पता चला कि शिंदे की छावनी के सुरेश बाथम का शव 14 अगस्त को रखा गया था और उसी दिन उन्हें सौंप दिया गया था। यह जानकारी रजिस्टर में दर्ज थी। जब इस मामले में सुरेश के परिजनों से संपर्क किया तो उन्होंने यह बात स्वीकार कर ली कि गलती से वह अपने पिता की जगह किसी अन्य का शव ले गए और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया।
हालांकि, इरत्याज के शव बदले जाने के मामले में अभी तक कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है और ना ही यह पता चल पाया है कि आखिर हुआ क्या था? जिसके कारण यह मामला जहां का तहां अटका हुआ है। अस्पताल प्रशासन का इस मामले में कहना है कि कोरोना के मामले बढ़ने के कारण प्रशासनिक अमले की व्यस्तता बढ़ गई थी। फिर उप चुनाव की तैयारी शुरु हो गई, तब से लेकर अब तक न बयान पूरे हुए ना जांच, जिसको लेकर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी।