मेला आन ठेला
दिलीप कुमार "सारी बीच नारी है ,या नारी बीच सारीसारी की ही नारी है,या नारी ही की सारी" जी नहीं...
Read moreदिलीप कुमार "सारी बीच नारी है ,या नारी बीच सारीसारी की ही नारी है,या नारी ही की सारी" जी नहीं...
Read moreदिलीप कुमार "बड़ा शोर सुनते थे पहलू में दिल काजो काटा तो कतरा ए लहू तक ना निकला "ऐसा ही...
Read moreइस दीपावली वह पहली बार अकेली खाना बना रही थी। सब्ज़ी बिगड़ जाने के डर से मध्यम आंच पर कड़ाही...
Read moreदिलीप कुमार हा, तुम्हारी मृदुल इच्छाहाय मेरी कटु अनिच्छाथा बहुत माँगा ना तुमने ,किंतु वह भी दे ना पाया ।था...
Read moreआइए जलते हैं दीपक की तरह। आइए जलते हैं अगरबत्ती-धूप की तरह। आइए जलते हैं धूप में तपती धरती की...
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