सरहदें: मानवीय संवेदनाओं की तहें खोलती कविताएँ
दो दशक से अधिक हुए-अपने पहले कविता संग्रह "पीढ़ी का दर्द" लेकर आए जाने-माने पत्रकार और कवि सुबोध श्रीवास्तव "सरहदें"...
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Read moreदुआ की चिठ्ठियां कभी दवा की चिठ्ठियां। आती है हमको याद बहुत मां की चिट्ठियां।। भूली हुई कहानी सा वो...
Read moreठिठक कर या थक कर ठहर गए तब समझ लो पंहुच गए शिखर तक . एक कदम और बढ़ चले...
Read moreअनेक पौराणिक प्रसंगों को लोकगीतों में अतिसुन्दर तरीके से वर्णित किया गया है। हिरण्यकश्यप और प्रह्लाद की कथा सभी को...
Read moreचीन लद्दाख के गलवान वैली में अपने सैनिकों की मौजूदगी बढ़ाकर (india and china army face off news) भारत को...
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