अनछुई हरी भरी प्रकृति के बीच, हमने अपनी आंख खोली थी, तो स्वच्छ हवा ने सांसो की सौगात दी, जीवन...
Read more. ● शिव ताण्डव स्तोत्र ● जटा स्वरूप वन सघन उमंग गंग खेलती उछंग सिन्धु सी तरंग लट विहंग ठेलती...
Read more1 वर्षा गान दिनमान प्रचंड प्रकोप घटा। बादल जल धार पयोधि सटा।। शशि शेखर नृत्य उमंग उठे। लहरात छटा नभ...
Read moreसरस्वती वंदना हंस पे सवार वाद्य रव मधुर सितार, शुभ्र वस्त्र का निखार देवि ज्ञान बुद्धि दायिनी। छंद रस की...
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