प्रेम दिवस
चक्षुओं में मदिरा सी मदहोशीमुख पर कुसुम सी कोमलतातरूणाई जैसे उफनती तरंगिणीउर में मिलन की व्याकुलता...
Read moreचक्षुओं में मदिरा सी मदहोशीमुख पर कुसुम सी कोमलतातरूणाई जैसे उफनती तरंगिणीउर में मिलन की व्याकुलता...
Read moreकरूं वंदना तुम्हारी।मां सरस्वती हमारी॥शिक्षा का दान दे दो।यही प्रार्थना हमारी॥ करूं वंदना... आंखों की ज्योति...
Read moreसभी आपदा मनुष्य द्वारा उत्पन्न माने जा सकते हैं। क्योंकि कोई भी खतरा विनाश में परिवर्तित हो, इससे पहले मनुष्य...
Read moreसुधेन्दु ओझा स्नेह का सागर अनन्तिमप्रेम हो सौहार्द्य होकातर धरा पर गूँजता सातुम मनोहर काव्य हो दान कर हमें ज्ञान...
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