suraj singh

suraj singh

परछाई

परछाइयां ढूंढती हूं पुराने देवदार के तले जहां मिले थे कभी अब खामोशी व्याप्त है देवदार के नजदीक पहुंच कर...

आरती का दीप

आरती का दीप बनकर, मैं जला हूँ प्रार्थना में। मैं हुआ अभिव्यक्त फिर से, गीत की ही साधना में। एक घण्टी-सी...

मीलों दूर

छाले हों पैरों में चाहे भूख-प्यास सताती हो । सूरज की भीषण आग जिस्म को जलाती हो । तेरी राहें...

पिता का दर्द

विजयादशमी का दिन था। पति ने पड़ोसन के संग पत्नी को रामलीला देखने भेज दिया।ताकि उसका मन बहल जाय। वह...

माँ

माँ चंदन है माँ वंदन है, माँ स्नेहावतार है, माँ का प्रेम है पावन सरिता,माँ गंगा की धार है।। माँ...

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