कश्मीर के गांदरबल में 23 दिसंबर को आतंकी हमले में घायल हुए अलीगढ़ के सपूत नेत्रपाल सिंह मंगलवार को शहीद हो गए। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को घर पहुंचेगा। नेत्रपाल सिंह (49) सीआरपीएफ की 115वीं बटालियन में सूबेदार के पद पर तैनात थे।
अलीगढ़ के सारसौल बीमा नगर निवासी नेत्रपाल 23 दिसंबर को कश्मीर के गांदरबल में हुए आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनका इलाज सीआरपीएफ के अस्पताल में चल रहा था। सात दिनों से जिंदगी व मौत की जंग लड़ते हुए 29 दिसंबर को वह इस दुनिया को अलविदा कहते हुए शहीद हो गए। शहीद होने की जानकारी परिजनों को मिली तो मातम पसर गया।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आतंकी हमले में शहीद अलीगढ़ जवान नेत्रपाल सिंह के शौर्य और वीरता को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शोक की इस घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के परिवार को हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी।
परिजनों से वीडियो कॉल से जुड़े रहे थे
सात दिनों से वीडियो कॉल पर परिवार से शहीद नेत्रपाल बातचीत कर रहे थे। मंगलवार को उनके निधन की खबर आई, जिससे परिवार में कोहराम मच गया। घर में अकेले कमाने वाले थे। बड़ा बेटा बीटेक प्रथम वर्ष में है और छोटा छठवीं क्लास में है। बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। परिवार वाले दो जनवरी को जम्मू जाने वाले थे। लेकिन बीच में परिवार को दुखद खबर मिली।
आज आएगा शहीद का पार्थिव शव
शहीद जवान नेत्रपाल का पार्थिव शव बुधवार को अलीगढ़ आएगा। परिजनों के मुताबिक सीआरपीएफ अफसरों द्वारा हवाई मार्ग से पार्थिव शरीर दिल्ली लाया जाएगा। जिसके बाद सड़क मार्ग से अलीगड़ लाएंगे। यहां उनका राजकीय व सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अलीगढ़ के नेत्रपाल सीआरपीएफ की 115 बटालियन सूबेदार के पद पर तैनात थे। 23 दिसंबर को गांदरबल में हुए आतंकी हमले में घायल होने के बाद वह शहीद हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कराया जाएगा। सीएम द्वारा 50 लाख रूपए, परिवार के एक सदस्य को नौकरी व जिले में एक सड़क शहीद जवान के नाम पर रखे जाने की घोषणा की गई है