राजस्थान में कांग्रस पार्टी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच दूरी अभी भी कम नहीं हुई है। इसकी एक झलक पार्टी के 136वें स्थापना दिवस पर भी देखने को मिली है। पायलट दिल्ली में आयोजिय कार्यक्रम में तो शामिल हुए, लेकिन जयपुर के समारोह से दूर रहे, जिसमें सीएम गहलोत ने शिरकत की थी।
सोमवार को कांग्रेस ने अपना 136 वां स्थापना दिवस कार्यक्रम दिल्ली में केंद्रीय कार्यालय और देश के अन्य सभी राज्य मुख्यालयों में मनाया, लेकिन पार्टी की राजस्थान इकाई में तनाव एक बार फिर दिखाई दिया, जब पायलट ने दिल्ली में समारोह में भाग लेने का फैसला किया।
कांग्रेस ने पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों और सांसदों को कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया था। इस श्रेणि में सचिन पायलट नहीं आते हैं, बावजूद वह दिल्ली में ही कार्यक्रम में शामिल होने का फैसला किया। सूत्रों के मुताबिक, पायलट कोई विवाद नहीं खड़ा करना चाहते थे।
आमतौर पर, कांग्रेस ने गहलोत और पायलट खेमे के बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए एआईसीसी प्रभारी अजय माकन सहित वरिष्ठ नेताओं की एक समिति गठन किया है।। एक सूत्र ने कहा, “कई संगठनात्मक नियुक्तियां और राजनीतिक नियुक्तियां कांग्रेस के राज्य निकाय के लिए लंबित हैं। जल्द ही घोषित किए जाने की संभावना है। शीघ्र ही एक शॉर्टलिस्ट की घोषणा की जाएगी और बाद में एक विस्तृत सूची निकाली जाएगी।”
कांग्रेस पार्टी के राजस्थान प्रभारी अजय माकन नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने हाल ही में दिल्ली में पायलट से मुलाकात की थी।
आपको बता दें कि बीत कुछ दिनों से सचिन पायलट जयपुर के समारोहों में शामिल नहीं हो रहे हैं। वह दिल्ली में अधिकांश समय डेरा जमाए हुए रहते हैं। इसे बस राजस्थान कांग्रेस के भतर उठे सियासी तूफान में एक ठहराव के रूप में ही देखा जा सकता है। सचिन पायलट ने चुप्पी साध रखी है।