मेरठ रोड स्थित मारुति कंपनी के शोरूम में रविवार सुबह आग लग गई। दूसरी मंजिल पर लगी आग से शोरूम के शीशे टूट गए और देखते ही देखते लपटें आसमान छूने लगीं। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने 10 दमकल वाहनों की मदद से करीब दो घंटे में आग को काबू कर लिया। इतने में समय शोरूम में खड़ी चार कारें पूरी तरह जल गईं, जबकि 26 कारें भी आधे से ज्यादा जल गईं।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि 10 के करीब आग लगने की सूचना मिली। 15 मिनट बाद मौके पर तीन और फिर आवश्यकता के मुताबिक दमकल की सात गाड़ियां भेजी गईं। सभी गाड़ियों की मदद से करीब दो घंटे में आग को बुझा दिया गया। उन्होंने बताया कि दमकल टीम के पहुंचने से पहले ही चार गाड़ियां आग की चपेट में आ चुकी थीं। इसलिए इन गाड़ियों को नहीं बचाया जा सका। जबकि 26 अन्य गाड़ियों को कुछ हद तक बचा लिया गया है। दमकल कर्मियों के मुताबिक आग की वजह तो साफ नहीं हो पाई है, लेकिन आशंका है कि बिजली की लाइन में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी होगी।
150 कारें जलने से बचीं
दमकल की टीम जब पहुंची तो उस समय दूसरी मंजिल पूरी तरह से आग की चपेट में आ चुकी थी और आग भूतल की ओर बढ़ने लगी थी। ऐसे में दमकल की एक टीम ने जहां आग को काबू करने का प्रयास शुरू किया तो दूसरी टीम ने आग की घेराबंदी शुरू कर दी। इससे भूतल पर खड़ी 150 से अधिक गाड़ियों को आग की चपेट में आने से बचा लिया गया। वहीं कारोबार संबंधी सारे दस्तावेज व अन्य जरूरी सामान को बचाने में सफलता मिल गई।
दमकल की गाड़ियां जाम में फंसी
मेरठ रोड पर आरआरटीएस के काम के चलते रविवार को वाहनों का दबाव ज्यादा था। इसके चलते जगह-जगह जाम की स्थिति बन गई थी। ऐसे हालात में जब दमकल की गाड़ियां चली तो उसे भी जाम में फंसना पड़ा। एक बार तो ऐसे हालात बन गए थे कि लगातार हॉर्न बजाने के बावजूद वाहन न तो आगे बढ़ पा रहे थे और न ही दमकल के लिए रास्ता ही दे पा रहे थे। इसके चलते दमकल को मौके पर पहुंचने में समय लग गया। दमकल कर्मियों की मानें तो इस जाम की वजह से सभी गाड़ियां चार से पांच मिनट की देरी से मौके पर पहुंची हैं।
फॉरेंसिक टीम नुकसान का आंकलन करेगी
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार सिंह के मुताबिक आग लगने के क्या कारण रहे और इसमें वास्तव में कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन फॉरेंसिक टीम करेगी। पता लगवाया जा रहा है कि शोरूम में आग बुझाने के संसाधनों की क्या स्थिति थी। इसकी एनओसी कब ली गई थी। इन सभी पहलुओं की भी जांच की जा रही है।