कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने कहा है कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का कार्य 31 जनवरी तक पूर्ण कराएं ताकि फरवरी में लोग दिल्ली का फर्राटेदार सफर कर सकें। एनएचएआई ने आश्वस्त किया है कि 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। फरवरी में एक्सप्रेस-वे चालू कर दिया जाएगा। चार पैकेज में दिल्ली से मेरठ एक्सप्रेस-वे 8346 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है।
आयुक्त सभागार में गुरुवार को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने चार साल से चल रहे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की समीक्षा की। आयुक्त ने एनएचएआई अधिकारियों से कहा कि बहुत इंतजार हो गया। अब इसे खत्म कराएं। एनएचएआई अधिकारियों ने प्रजेंटेशन से प्रोजेक्ट की जानकारी दी। कहा कि तेजी से काम चल रहा है। बीच में लॉकडाउन और अन्य अवरोध के कारण थोड़ी परेशानी हुई। अब कार्य अंतिम चरण में है। इस पर कमिश्नर ने कहा कि 31 जनवरी तक काम समाप्त करें। फरवरी से एक्सप्रेस वे चालू कराएं। अब सर्वोच्च प्राथमिकता से काम हो।
एनएचएआई अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि अब कार्य में तेजी है। फरवरी तक यह चालू हो जाएगा। इस अवसर पर अपर आयुक्त रजनीश राय, एडीएम प्रशासन मदन सिंह गर्ब्याल, एडीएम वित्त सुभाष चन्द्र प्रजापति, एसडीएम सदर संदीप भागिया, एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर मुदित गर्ग, रोडवेज, नगर निगम, यूपीएसआईडीसी, विद्युत सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
कुल 82 किलोमीटर का है प्रोजेक्ट
एनएचएआई अधिकारियों ने प्रजेंटेशन में बताया कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे छह लेन का प्रोजेक्ट है, जो लगभग 82.01 किमी है। परियोजना की कुल लागत 8346 करोड़ है। सिविल लागत 4976 करोड़ है। परियोजना में पांच बड़े और 19 छोटे, तीन आरओबी बनाए गए हैं।
चार चरण में एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे कुल चार चरण में पूरा कराया जा रहा है। प्रथम चरण सराय काले खां से गाजीपुर-दिल्ली यूपी बार्डर तक है, जिसकी कुल लंबाई 8.72 किमी है। यह कार्य 28 जून 2018 को पूर्ण कर लिया गया है। दूसरा चरण गाजीपुर-दिल्ली यूपी बार्डर से डासना तक है, जो 19.28 किमी का है। लगभग 93 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है। शेष कार्य प्रगति पर है। तीसरा चरण डासना से हापुड़ तक है। इसकी लंबाई 22.23 किमी है। कार्य 13 सितंबर 2019 को पूर्ण करा लिया गया है। चौथे चरण का कार्य डासना से मेरठ का है। कुल लंबाई 31.78 किमी है। 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है। इस तरह दूसरे और चौथे चरण का मिलाकर करीब 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो गया है।