हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भाजपा शासित मप्र में अगले स्थानीय निकाय चुनावों से अपने चुनावी सफर का आगाज कर सकती है। प्रदेश के कई शहरों और कस्बों में होने वाले ये चुनाव साल 2021 की शुरुआत में होने संभावित हैं।
पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने कहा, हम अगले स्थानीय निकाय चुनावों में इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट, मंदसौर और कुछ अन्य स्थानों से मैदान में उतरने की संभावनाएं देख रहे हैं। अंसारी ने कहा, AIMIM के प्रदेश प्रभारी और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के तीन बार के पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन के मार्गदर्शन में इन इलाकों में पार्टी का अंदरूनी सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसके बाद ओवैसी सूबे में अगले स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने पर फैसला करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सुर्खियों में रहे जीएचएमसी चुनाव में भाजपा ने ओवैसी की पार्टी को उसके गढ़ में चुनौती दी थी। ऐसे में तेलंगाना के बाद अब मप्र के स्थानीय निकाय चुनावों में भी दोनों दलों के बीच टक्कर देखने को मिल सकती है।
बहरहाल, मप्र की सियासत पारंपरिक रूप से दो ध्रुवीय रही है और गुजरे बरसों में सत्ता की बागडोर भाजपा या कांग्रेस के हाथों में ही रही है। ऐसे में एआईएमआईएम सरीखी नयी राजनीतिक ताकत के लिये राज्य में कितनी चुनावी गुंजाइश है।
यह पूछे जाने पर अंसारी ने कहा, ‘जातिवादी राजनीति और खासकर शिक्षा तथा स्वास्थ्य के बुनियादी क्षेत्रों में गिरावट से सूबे के ज्यादातर लोग भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही दलों की सरकारों से तंग आ चुके हैं। वे तीसरा विकल्प ढूंढ रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘एआईएमआईएम ने वर्ष 2015 से मध्यप्रदेश में अपना काम-काज शुरू किया था। हमने अब तक राज्य में कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है।’ अंसारी ने यह भी बताया कि आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राज्य में एआईएमआईएम का विस्तार किया जा रहा है।
एआईएमआईएम के एक नेता ने बताया कि इन चुनावों से पहले पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए राज्य में कार्यक्रमों के लिए ओवैसी को बुलाने की कोशिश भी की जा रही है।