प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत सुशासन दिवस 25 दिसंबर को नौ करोड़ किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए डाले जाएंगे। केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान आंदोलन से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द कर लिया जाएगा। सरकार किसी के साथ भी चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी कानून या नीति किसानों, किसान संगठनों, विशेषज्ञों और अन्य पक्षों के सुझावों के आधार पर तैयार की जाती है और इसमें निरंतर सुधार होता रहता है। किसान संगठनों को सरकार ने प्रस्ताव भेजा है और उनके जवाब के इंतजार में हैं।
उन्होंने कहा कि किसान संगठन जब भी और जहां भी बातचीत का समय करेंगे, सरकार उनके साथ संवाद करेगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पत्र के संबंध में उन्होंने कहा कि इसका जवाब तैयार किया जा रहा है और इसे जल्द भेजा जाएगा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार किसानों के कल्याण और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने लगातार उनकी सामाजिक – आर्थिक स्थिति में सुधार किये हैं और आगे भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके अंतर्गत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस 25 दिसंबर को नौ करोड़ किसानों को मात्र दो घंटे के भीतर 18 हजार करोड़ रुपए उनके बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित किये जाएगें। इस अवसर एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का ऑनलाइन होगा और प्रखंड स्तर पर किसानों को जोड़ने के प्रयास चल रहे हैं। प्रत्येक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तथा अधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस अवसर प्रधानमंत्री छह राज्यों के छह किसानों से संवाद भी करेंगे। इसके लिए राज्य सरकारों से नाम मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि सुशासन दिवस आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में दो करोड़ किसान अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
तोमर ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 11 करोड चार लाख किसानों ने पंजीकरण कराया है और 10 करोड़ 59 लाख किसानों को 96 हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। अन्य किसानों को सम्मान निधि की राशि तकनीकी या प्रशासनिक बाधाओं के कारण नहीं दी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि सरकार का देश में 14 करोड़ ऐसे किसान होने का अनुमान था जो इस योजना के पात्र हो सकते हैं। योजना के लिए प्रतिवर्ष 75 हजार करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान होता है।