शहर की बल्केश्वर कालोनी में भ्रूण हत्या में प्रयोग होने वाली दवाइयों का जखीरा मिला है। साथ ही नशे के काम में आने वाली दवाओं का भंडार भी है। ड्रग विभाग ने देर रात गोदाम पर छापेमारी के बाद करीब पांच करोड़ की दवाएं बरामद की हैं। दो आरोपी हिरासत में लिए गए हैं। ड्रग विभाग को भ्रूण हत्या की दवाओं की बिक्री के बड़े सौदागरों की जानकारी हाथ लगी है। विभाग को पता चला था कि दवाओं की एक बड़ी खेप आगरा से बाहर जाने वाली है। यह बल्केश्वर निवासी अंतर्राज्यीय तस्कर पंकज गुप्ता बताया जा रहा है।
यही गाड़ी को बाहर भेजने वाला था। सूचना पर ड्रग विभाग ने पुलिस की मदद से उसके बल्केश्वर गोदाम पर छापा मारा। विभाग को दवाओं की गाड़ी हाथ नहीं लग सकी। तस्कर ने उसे रवाना कर दिया था। इसके गोदाम में बड़ी मात्रा में भ्रूण हत्या के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां हाथ लगी हैं। साथ में नशे में काम आने वाली दवाइयों का भंडार भी मिला है।
ड्रग विभाग के सूत्रों के मुताबिक पंकज गुप्ता का भाई सूर्यकांत गुप्ता रोहिणी मेडिकल स्टोर के नाम से सिर्फ दिखावे के लिए काम करता है। असल में उनका घंघा नशे और भ्रूण हत्या में प्रयोग होने वाली दवाइयों का ही है। देर रात तक चली कार्यवाही में 3.5 करोड़ रुपए की दवाओं का आंकलन किया जा चुका था। माना जा रहा है कि जखीरे में करीब पांच करोड़ रुपए की दवाइयां हो सकती हैं।
दाल की बोरियों में थी दवाएं
दवाएं अक्सर कार्टन में पैक रहती हैं। इस गोदाम में दवाइयां प्लास्टिक की बोरियों में रखी हुईं मिलीं। इन्हें दाल को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। दूसरी कई तरह की बोरियों में भी नशे के काम आने वाली दवाइयां भरी पड़ी थीं। आश्चर्य यह कि चने की दाल की बोरियां भी यहीं रखी थीं।
देर रात तक होती रही कार्यवाही
पुलिस के साथ ड्रग विभाग की कार्यवाही देर रात तक चलती रही। विभाग के अधिकारी दवाओं की लिस्टिंग में लगे रहे। उन पर अंकित दामों के सहारे कुल जखीरे की कीमत का आंकलन करते रहे। सही जानकारी रविवार तक ही आ पाएगी। इसकी रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी।
दो फर्मों पर छापे के बाद मिले सुराग
ड्रग विभाग ने बीते दिनों राजस्थान और हरियाणा में आगरा से इन दवाओं की सप्लाई की जानकारी पर फुव्वारा में कार्यवाही की थी। दो फर्मों का कम्प्यूटराइज्ड डाटा हासिल किया गया। इनके विश्लेषण में तमाम सबूत मिले। इसी कड़ी में शनिवार देर रात छापेमारी की गई। दवाओं का जखीरा पकड़ा गया।
डाक्टरों के नाम से काटे गए बिल
फर्मों की छानबीन में सामने आया है कि दोनों फर्मों ने शहर के कई डाक्टरों के नाम से दवाओं के बिल काट दिए हैं। इन डाक्टरों ने यह दवाएं खरीदी हैं या नहीं, इनकी पड़ताल शुरू कर दी गई है। ऐसे करीब 40 मामले सामने आए हैं। ड्रग विभाग सभी डाक्टरों को दवाओं की सूची भेजकर इसका पता लगाएगा।
ये हैं दवाओं के सौदागर
- पंकज गुप्ता:- यह बल्केश्वर का रहने वाला बताया जाता है। गोदाम भी इसी का है। यही शनिवार को गाड़ी लेकर बाहर जाने वाला था। गाड़ी ड्रग विभाग की पकड़ में नहीं आई है। पंकज के बारे में भी पता नहीं चल सका। इसका भाई सूर्यकांत गुप्ता दिखावे के लिए रोहिणी मेडिकल स्टोर के नाम से काम करता है।
- प्रमोद जयपुरिया:- भरतपुर का रहने वाला प्रमोद जयपुरिया उर्फ प्रदीप उर्फ देवेंद्र उर्फ बुड्ढा दिल्ली जेल में बंद है। उसका असली नाम किसी को पता नहीं है। एनसीबी ग्वालियर ने इन दोनों के खिलाफ आगरा में एफआईआर लिखा रखी है। पंकज और प्रमोद दोनों ही दूसरे कई मामलों में फरार चल रहे हैं।
- गौरव: यह तारा मेडिकल स्टोर बोहरे रामभरोसे मार्केट द्वितीय तल फुव्वारे पर फर्म चलाता है। गौरव प्रमोद जयपुरिया का दामाद लगता है। गौरव भी फिलहाल गायब चल रहा है। दवा बाजार में उसे लंबे समय से देखा नहीं गया। सूत्रों के मुताबिक इसने किसी दूसरे जिले में काम शुरू कर दिया है। वहीं से डीलिंग की जा रही है।
आगरा के औषधि निरीक्षक नरेश मोहन ने बताया कि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। कार्यवाही पूरी रात चलेगी। फिलहाल करीब 3.5 करोड़ रुपए की दवाएं गिन ली गई हैं। दवाओं की कुल कीमत करीब पांच करोड़ रुपए की हो सकती है। अधिक जानकारी रविवार को दे पाएंगे।