एसटीएफ मेरठ टीम ने नौचंदी इलाके में हथियार बनाकर सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए असलाह फैक्ट्री पकड़ी है। दो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई और उनके पास से भारी मात्रा में असलाह बरामद किए गए। आरोपियों के साथी फरार हो गए। इस मामले में नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पकड़ा गया एक आरोपी पिछले तीन साल से मवाना से हथियारों की खेप पहुंचाने के मामले में वांटेड चल रहा था।
सीओ एसटीएफ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि वेस्ट यूपी में हथियारों की सप्लाई की जानकारी लगातार मिल रही थी। कुछ हथियार तस्कर पिस्टल और रिवाल्वर बनाकर सप्लाई कर रहे थे। इन्हें पकड़ने के लिए टीम को लगाया गया। इसके बाद नौचंदी इलाके में स्कूटी सवार दो आरोपियों को एसटीएफ ने शुक्रवार को घेर लिया। इन हथियार तस्करों ने फरार होने का प्रयास किया, अचानक इनकी स्कूटी फिसल गई। दोनों को एसटीएफ ने दबोच लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान रहीस मुल्ला निवासी किदवई नगर, थाना लिसाड़ी गेट और शमशाद निवासी सराय बहलीम कोतवाली के रूप में हुई।
यह किया गया बरामद
पुलिस ने आरोपियों से .32 बोर की तीन पिस्टल, .32 बोर की दो रिवाल्वर, 19 तमंचे बरामद किए। इनमें से 315 बोर के 17 तमंचे और एक तमंचा12 बोर का था। एक तमंचा .32 बोर का बनाया गया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि दो हजार रुपये तक का तमंचा बेचते थे और 20 से 30 हजार रुपये में पिस्टल बेचते थे। ऑन डिमांड हथियार बनाए जा रहे थे।
डी-ब्लॉक में बिजलीघर के पीछे ठिकाना
आरोपियों से पूछताछ के बाद पता चला कि शास्त्रीनगर डी-ब्लॉक के पीछे आरोपियों ने अपना ठिकाना बनाया हुआ है। यहीं पर हथियार बनाए जा रहे हैं। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने बताई गई जगह पर छापेमारी की। हालांकि आरोपी फरार हो गए। यहां पर हथियार फैक्ट्री पकड़ी गई।
मवाना से वांटेड था शमशाद
एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि शमशाद मवाना से तीन साल से वांटेड चल रहा था। तीन साल पहले मवाना में भी एक गिरोह हथियारों के साथ पकड़ा गया था। वहां मवाना थाने में शमशाद को वांटेड घोषित किया गया। इसके बाद से वह पुलिस के हाथ नहीं आया था और मेरठ में काम करने लगा। अब जाकर उसकी धरपकड़ हुई।