पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा भी चुनाव के लिए पूरी मेहनत करती हुई दिखाई दे रही है। चुनाव से से पहले उत्तर प्रदेश सरकार के बड़े नेताओं और पार्टी की इकाईयों को ‘मिशन बंगाल’ पर लगने के निर्देश दे दिए गए हैं। बता दें कि यूपी के बड़ें भाजपा नेताओं और पार्टी इकाईयों से 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की तैयारियां करने को कहा गया है। भाजपा तृणमूल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के तेज प्रयासों में लगी है।
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी के यूपी महासचिव (संगठन) सुनील बंसल इस सप्ताह के अंत में पश्चिम बंगाल में होंगे, जहां उन्हें विभिन्न राज्यों के अन्य नेताओं के साथ, प्रमुख कार्य दिए जाने की उम्मीद है। उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पश्चिम बंगाल की यात्रा पर जा सकते हैं।
नाम न छापने की शर्त पर एक पार्टी नेता ने अपने बयान में कहा, “देशभर में भाजपा के नेताओं को मिशन बंगाल के तहत काम सौंपा जाएगा। यूपी में भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले, दो प्रभावशाली जाति समूहों, दलितों और ओबीसी के साथ सफलतापूर्वक काम किया, 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में भी ऐसे ही काम किया गया। पश्चिम बंगाल में भी भाजपा मछुआरों और मातुओं के साथ जुड़ने का प्रयास कर रही है। एक दलित शरणार्थी समूह बांग्लादेश में उत्पन्न हुआ है जिसका प्रभाव राज्य की 50 विधानसभा सीटों पर फैला हुआ है।”
खबर मिली है कि ओबीसी नेता मौर्य पश्चिम बंगाल के कम से कम 30 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं। जिसमें हावड़ा, सेरामपुर, आरामबाग और उलुबेरिया जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। भाजपा नेता,बीएल संतोष ने कहा कि उत्तरप्रदेश के महत्वपूर्ण नेता जिन्हें राजनीतिक कार्यभार संभालने के लिए दिया गया है उनके भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और आरएसएस के वरिष्ठ नेता को रिपोर्ट करने की उम्मीद है।
इस महीने की अपनी यात्रा के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी शासित राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से 200 सीटों पर भाजपा को जीत दिलाने का लक्ष्य रखा था। शाह सप्ताहांत में फिर से बंगाल का दौरा करेंगे।
यूपी बीजेपी के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा, “यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर नहीं है। पश्चिम बंगाल में 2019 के एलएस चुनावों में, हमने टीएमसी के 43% के खिलाफ 40% वोट शेयर जीता और राज्य में 42 लोकसभा सीटों में से 18 (टीएमसी की 22 सीटों के खिलाफ) हासिल की। अब, सत्तारूढ़ टीएमसी के कई नेता हमसे जुड़ गए हैं।”
उन्होंने कहा कि टीएमसी को बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता ने घेर लिया, जिसका सबूत पार्टी नेताओं और कैडर पर हुए हिंसक हमलों में था। लेकिन इस बार हम इतिहास रचेंगे। जाट (ओबीसी) नेता, केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद संजीव बाल्यान के भी पश्चिम बंगाल जाने की उम्मीद है।