नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 22 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को अन्नदाताओं के नाम आठ पन्नों का एक पत्र लिखा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा किसानों के नाम लिखे पत्र को उनके ‘विनम्र संवाद’ का प्रयास बताया और किसानों से उसे पढ़ने का आग्रह किया। कृषि मंत्री तोमर ने पत्र के माध्यम से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से आग्रह किया कि वे ‘राजनीतिक स्वार्थ’ के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाये जा रहे भ्रम से बचें। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और किसानों के बीच ‘झूठ की दीवार’ खड़ी करने की साजिश रची जा रही है। तोमर ने पत्र की प्रति ट्विटर पर भी साझा की।
पीएम मोदी ने उनके ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी ने किसान भाई-बहनों को पत्र लिखकर अपनी भावनाएं प्रकट की हैं, एक विनम्र संवाद करने का प्रयास किया है। सभी अन्नदाताओं से मेरा आग्रह है कि वे इसे जरूर पढ़ें। देशवासियों से भी आग्रह है कि वे इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।’
किसानों के नाम लिखे एक पत्र में तोमर ने दावा किया कि तीन कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नये अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे। कृषि कानूनों को ‘ऐतिहासिक’ करार देते हुए तोमर ने कहा कि इन सुधारों को लेकर उनकी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है और कई किसान संगठनों ने इनका स्वागत किया है।उन्होंने कहा कि वह इससे बहुत खुश हैं और किसानों में एक नई उम्मीद जगी है। ‘देश के अलग-अलग क्षेत्रों से ऐसे किसानों के उदाहरण भी लगातार मिल रहे हैं, जिन्होंने नए कानूनों का लाभ उठाना शुरू भी कर दिया है।’ बता दें कि दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डरों पर पिछले 22 दिनों से देशभर के किसान (ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के) डेरा डाले हुए हैं।