उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किए गए जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व नेता उमर खालिद ने अदालत में यह आरोप लगाया है कि पिछले तीन दिन से उसे दांत दर्द की शिकायत है, लेकिन तिहाड़ जेल प्रशासन ने कोई इलाज मुहैया नहीं कराया है।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने बुधवार को जेल अधीक्षक को जेल नियमों के तहत खालिद को उपयुक्त इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए। अदालत ने जेल प्रशासन को दो दिन के अंदर एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि संबंधित जेल अधीक्षक को जेल नियमावली के अनुसार आरोपी उमर खालिद को उपयुक्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया जाता है। जांच करने के लिए अगले दिन तक यदि दंत चिकित्सक जेल में उपलब्ध नहीं है, तो आवश्यकता पड़ने पर आरोपी को जेल के बाहर किसी दंत चिकित्सक के पास इलाज के लिए ले जाया जा सकता है।
खालिद ने कहा कि आज जेल में एक दंत चिकित्सक के आने की उम्मीद थी, लेकिन वह नहीं आए। ऐसे में दर्द के चलते अगले सप्ताह तक दंत चिकित्सक का इंतजार करने में मुश्किल होगी।
अदालत ने खजूरी खास इलाके में हुए दंगे से संबंधित एक मामले में उमर खालिद की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। खालिद को इस मामले में एक अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
हत्या के मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज
वहीं, दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली दंगों के एक मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि वह कथित तौर पर दंगों में सक्रिय रूप से शामिल था और उसे गैरकानूनी रूप से जुटी उस भीड़ के साथ एक वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिसने दंगा किया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने बुधवार को फरवरी में जाफराबाद इलाके में सांप्रदायिक हिंसा में गोली लगने से अमन की मौत से संबंधित मामले में सलमान खान को जमानत नहीं दी।
अदालत ने कहा कि आरोपी एक कथित वीडियो फुटेज में दंगाइयों के हिस्से के तौर पर नजर आ रहा है और उसके द्वारा घटना के दिन पहनी गई जैकेट भी बरामद कर ली गई है।
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि जैसा कि आरोप पत्र में उल्लेख है, पूरी घटना में कुल 19 पुलिसकर्मी घायल हुए। घटनास्थल पर इतने पुलिस कर्मियों का घायल होना वहां के गंभीर हालात और अपराध की स्थिति को बयां करता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस घटना में गोली लगने के फलस्वरूप अमन की मौत हुई।
अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता और आरोपी की बताई गई भूमिका व उसके खिलाफ उपलब्ध सामग्री को देखते हुए यह आरोपी सलमान खान को जमानत देने के लिये उचित मामला नहीं है।