पूर्व और पश्चिम दोनों ही मोर्चों पर दुश्मनों से घिरे रहने की स्थिति में भारत के लिए एक अच्छी खबर है। फ्रांस से खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमान में लगी लंबी दूरी की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल SCALP के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया गया है। इस अपग्रेड के जरिए अब यह मिसाइल समुद्र तल से 4000 किलोमीटर ऊपर तक के लक्ष्य को मार गिरा सकती है।
आसान शब्दों में समझे तो अब भारतीय वायुसेना का राफेल विमान 4000 मीटर ऊंचे पहाड़ों और ऊंचाई पर स्थित लक्ष्यों को निशाना बना सकता है, जबकि पहले यह 2000 मीटर की ऊंचाई वाले लक्ष्य भेद सकता था। सॉफ्टवेयर में यह बदलाव भारतीय वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों से विचार-विमर्श के बाद मिसाइल को बनाने वाली कंपनी MBDA ने किया है। स्कैल्प मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार कर सकती है।
राफेल लड़ाकू विमानों की अगली खेप अगले साल गणतंत्र दिवस के बाद आ सकती है। इस बीच यह योजना बनाई जा रही है कि एयरबेस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों का उपयोग करके भारत के करीबी सहयोगी UAE की वायु सेना द्वारा विमान में हवा के बीच फिर से ईंधन भरा जाएगा। ये अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे।
अब तक, फ्रांस में वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए सात राफेल विमानों का उपयोग किया जा रहा है। साल 2021 के आखिर तक भारत में राफेल की पूरी खेप पहुंच जाएगी, जिसके तहत हमें 36 राफेल विमान मिलेंगे। राफेल का एक स्क्वॉड्रन अंबाला में रहेगा, और एक हसीमाड़ा एयरबेस पर। राफेल में तीन तरह की मिसाइलें होंगी। पहली, हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल। दूसरी, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और तीसरी है हैमर मिसाइल।