आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद दिल्ली से लेकर लखनऊ तक सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। यूपी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि उनकी भ्रमित करने की आदत है, वह दिल्ली में बेनकाब हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। उन्होंने शिक्षा, चिकित्सा और विकास के मुद्दे पर बहस के लिए केजरीवाल सरकार को चुनौती दी थी।
यूपी सरकार की इस प्रतिक्रिया पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बुधवार को कहा कि कल जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह कहा कि हम 2022 का यूपी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद यूपी सरकार के कई मंत्रियों ने हमें दिल्ली के स्कूलों के मॉडल बनाम यूपी स्कूलों के मॉडल पर बहस के लिए चुनौती दी। मुझे चुनौती स्वीकार है। सिसोदिया ने कहा कि मैं 22 दिसंबर को लखनऊ आऊंगा। आप बता दीजिए कि मुझे कब और कहां और किससे बहस करनी है।
सिसोदिया ने कहा कि कल जैसे ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि ‘आप’ उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेगी तो 70 सालों में पहली बार यूपी के नेताओं ने स्कूल और अस्पताल की बात करना शुरू की। उनके मुंह से स्कूल और अस्पताल की बात निकलना थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत है।
सिसोदिया ने कहा कि आए दिन समाचार रिपोर्टें यूपी के स्कूलों की स्थिति को दर्शाती हैं। इन रिपोर्टों के आधार पर मैं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करता हूं कि उन्होंने पिछले 4 वर्षों में बहुत आनंद लिया और केवल 1 वर्ष और शेष रह गया है। अब या तो यूपी के स्कूलों में सुधार होगा या लोग एक साल बाद यूपी की राजनीति को बदल देंगे।
‘आप’ 2022 में यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ेगी : केजरीवाल
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी 2022 में होने वाला उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेगी। केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों पर निशाना साधते हुए उन पर लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विकास वहां की गंदी राजनीति और भ्रष्ट नेताओं की वजह से रुक गया है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी पूछा था कि उत्तर प्रदेश के लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख क्यों करना पड़ता है? कोई परिवार कानपुर में रहता है, उन्हें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए दिल्ली भेजना पड़ता है। गोरखपुर में रहने वाले व्यक्ति को अपने अभिभावकों को अच्छा इलाज दिलाने के लिए दिल्ली आना पड़ता है। केजरीवाल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने हर पार्टी को आजमा लिया और उन्हें मौका भी दिया, लेकिन इन दलों ने लोगों की पीठ में चाकू घोंपने का काम किया।
उन्होंने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य केन्द्रों की सुविधा उत्तर प्रदेश में भी मुहैया कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ ईमानदार सोच पैदा करेगी और यह साबित करेगी कि शासन सीमित संसाधनों का मोहताज नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि मैं आप सबसे आम आदमी पार्टी को एक बार मौका देने की अपील करता हूं और आप बाकी सब दलों को भूल जाएंगे, जैसा काम दिल्ली में हुआ है वैसा यहां भी होगा।
केजरीवाल ने कहा था कि क्या देश का सबसे बड़ा राज्य देश में सबसे विकसित राज्य में नहीं बदल सकता है? अगर दिल्ली के संगम विहार में मोहल्ला क्लीनिक हो सकता है तो उत्तर प्रदेश के गोमती नगर इलाके में क्यों नहीं हो सकता? अगर दिल्ली में सबसे अच्छा अस्पताल हो सकता है तो उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की स्थिति इतनी बदहाल क्यों है? उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के लोगों को 24 घंटे पानी की आपूर्ति हो सकती है तो उत्तर प्रदेश को क्यों नहीं? वहां पर बिजली क्यों गुल होती है? उत्तर प्रदेश के लोगों को बिजली के ज्यादा बिल क्यों देने पड़ते हैं? अगर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकती है तो उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं। वहां पर सरकारी स्कूलों की हालत इतनी खराब क्यों है? ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि लोगों के समर्थन के कारण पार्टी ने दिल्ली में तीन बार सरकार बनाई और पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई।
यूपी में नहीं गलेगी केजरीवाल की दाल : सिद्धार्थनाथ
वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उनकी भ्रमित करने की आदत है, वह दिल्ली में बेनकाब हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश में उनकी दाल गलने वाली नहीं है। मंत्री ने केजरीवाल को याद दिलाया कि वह 2014 के लोकसभा चुनाव परिणाम का हश्र नहीं भूलें।
सिद्धार्थनाथ सिंह ने केजरीवाल पर जमकर प्रहार किए और आरोप लगाया कि आपने सदी के सबसे बड़े संकट कोरोना वायरस महामारी के दौरान पूर्वांचल के लाखों लोगों का जो अपमान किया था, उसका जवाब देना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड-19 प्रबंधन को लेकर दिल्ली सरकार पर जो टिप्पणी की थी, उसका जवाब देना चाहिए। आपने कितने लोगों को रोजगार दिए, आपने कितने अस्पताल, मेडिकल कॉलेज बनाए, कितने एम्स जोड़े यह आपको बताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में दो करोड़ की आबादी है, लेकिन यूपी में 24 करोड़ की आबादी है। हमारा क्षेत्रफल भी बहुत बड़ा है, लेकिन जब संख्या में हम देखते हैं, तो दिल्ली में दो करोड़ की तुलना में छह लाख आठ हजार कोरोना संक्रमित हैं और यूपी में 24 करोड़ की तुलना में पांच लाख 66 हजार हैं। प्रतिशत निकालकर आम आदमी पार्टी जवाब दे। उन्होंने कहा कि यूपी में दो करोड़ टेस्ट हुए हैं और दिल्ली में अभी तक 72 लाख ही पहुंचे हैं। आप पूरी दिल्ली की आबादी के बराबर ही कर लेते। फिर भी आप कह रहे हैं हमारा कोविड-19 मैनेजमेंट बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि हमने यूपी में दो एम्स जोड़े हैं और आपने कितने जोड़े हैं, उसी का जवाब दे दीजिए। यूपी सरकार ने पिछले चार साल में 52 नए मेडिकल जोड़े हैं, आपने कितने जोड़े हैं।