करियर और घर-परिवार बसाने वाली उम्र में युवा दिल के रोगी हो रहे हैं। तनाव से ज्यादा सिगरेट का अंधाधुंध सेवन उनके दिल की धड़कन का दुश्मन बन गया है। वह धमनी अवरुद्ध हो रही है जो हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर खून की आपूर्ति करती है। यह स्थिति देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं।
तनाव और स्मोकिंग की जुगलबंदी हार्ट को कमजोर कर रही हैं। इसका खुलासा एलपीएस हृदय रोग संस्थान की स्टडी में हुआ है। दो साल तक चले अध्ययन में यह भी सामने आया है कि अबला को सहनशीलता और शक्ति की प्रतिमूर्ति माना जाता है लेकिन अब उनका दिल भी पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा मजबूत होता है।
युवाओं की अपेक्षा युवतियां का दिल मजबूत होने के साथ ही जटिलताओं से पार पाने में ज्यादा सक्षम है इसलिए स्टडी की मानें तो सिर्फ 4.9 यानी 95 युवतियां हार्ट रोगी पाई गईं।
कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों ने संस्थान में आए 1116 हार्ट रोगी युवाओं को लेकर आकलन किया है। युवाओं के दिल की बीमारी के कई कारण सामने आए हैं लेकिन सर्वाधिक जिम्मेदार वजह सिगरेट की लत निकली है। इसी में तंबाकू के सेवन को भी जिम्मेदार के तौर पर लिया गया है लेकिन स्मोकिंग ने पूर्व के सारे रिकॉर्ड तोड़़ दिए।
78.5 फीसदी युवाओं को सिगरेट पीने के कारण दिल का दौरा तक पड़ चुका है। इसमें तनाव की भूमिका भी अहम रही क्योंकि स्ट्रेस को भी स्टडी में 29.6 फीसदी कारण माना गया है।
कार्डियोलॉजी के डॉक्टरों की स्टडी के मुताबिक संस्थान में युवा दिल के रोगियों का ग्राफ बूम पर है, ये 20 से 30 साल के बीच के रहे। सबसे कम उम्र का युवा रोगी 20 साल एक महीने का आया जिसकी एक धमनी 95 फीसदी अवरुद्ध पाई गई। 60.2 फीसदी युवा 25-30 और 39.8 फीसद 20-25 की उम्र के रहे। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह सामने आया कि संस्थान में आए 32 युवाओं यानी 2.9 फीसद की पहले अटैक में ही मौत हो गई।
संस्थान की स्टडी ने युवाओं में बढ़ रही हार्ट की बीमारी को लेकर खतरे की घंटी बजा दी है। सभी युवाओं को सादगी और फिट जिन्दगी जीने के कारण सिगरेट, तनाव, कोलेस्ट्रॉल, आलस्य को छोड़ना होगा। जान है तो जहान है जैसी बात पर गौर कर आगे बढ़ने का समय आ गया है।