यमुना नदी के गिरते जलस्तर पर दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अगर इसी तरह हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में दिल्ली में पानी की किल्लत हो सकती है। जलबोर्ड उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने भी यमुना के गिरते जलस्तर पर चिंता जताई है। जलस्तर को सामान्य करने के लिए हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग को चिट्ठी लिखी है। जलबोर्ड का कहना है कि जल्द ही स्थिति सामान्य होगी।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढ़ा ने यमुना नदी में पानी के घटते स्तर के लिए हरियाणा सरकार की उदासीनता बताया है। उम्मीद जताई कि जल्द ही हरियाणा सरकार के साथ मिलकर इस मामले में कोई समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है। यमुना का लगातार घटता जल-स्तर चिंता का विषय है। हरियाणा सरकार का ऐसा व्यवहार काफी निराश करने वाला है। हम हरियाणा सरकार से लगातार सहयोग की मांग कर रहे हैं, हमें उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई समाधान निकलेगा।
जलबोर्ड के मुताबिक पिछले हफ्ते से ही यमुना का जल-स्तर लगातार घट रहा है। यमुना के घटते जलस्तर को लेकर हरियाणा के सिंचाई विभाग के संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। लेकिन अभी तक आश्वासन दिए जाने के बाद हरियाणा सरकार की ओर से स्थिति को सामान्य करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। राघव चड्ढा के मुताबिक यमुना नदी का सामान्य जल स्तर 674.50 फीट होना चाहिए लेकिन ये स्तर घटकर 672.20 पर आ गया है, जो चिंता का विषय है।
यमुना में जलस्तर गिरने से अमोनिया का स्तर बढ़ा
राघव चड्ढ़ा ने आगे कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है जो कि चिंता का विषय है। हरियाणा से यमुना में बिना ट्रीट किया गया काफी पानी छोड़ा जाता है जिसकी वजह से यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ता जाता है। यमुना में कई बार अमोनिया का स्तर 0.8 पीपीएम (पार्टस प्रति मिलियन) की अधिकतम सीमा के ऊपर चला जाता है, जिसका काफी बुरा असर दिल्ली के पानी उत्पादन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा सरकार से आग्रह करता हूं कि ना सिर्फ अमोनिया का स्तर कम करने के लिए तत्काल कोई कदम उठाएं बल्कि वजीराबाद तालाब को भरे रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी यमुना में छोड़ें।