केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन के बीच मप्र के दमोह से एक किसान द्वारा फंदा लगाकर आत्महत्या करने की खबर आ रही है। आक्रोशित लोगों ने किसान के शव को रोड पर रखकर जाम लगा दिया। प्राप्त समाचार के अनुसार दमोह के तेंदूखेड़ा क्षेत्र के ग्राम बैलबाड़ा निवासी रूपलाल (40) पुत्र हलके अहिरवार ने खेत में लगे आम के पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की वजह फसल खराब और कर्ज का बोझ बताया जा रहा है।
किसान की मौत के बाद परिजन व अहिरवार समाज के लोगों ने आक्रोशित होकर दोपहर डेढ़ बजे शव बस स्टैंड चौराहे पर रखकर जाम लगा दिया।परिजनों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लगभग आधा घंटे से ज्यादा समय तक जाम लगा रहा। जबलपुर दमोह मुख्य मार्ग होने के कारण सड़क दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मौके पर थाना प्रभारी नीतू खटीक ने पहुंचकर किसान के परिजनों को जांच का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजनों ने जाम खोला।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को अधिकारी कलेक्टर तरुण राठी के साथ धान खरीदी केंद्रों का निरीक्षण कराने आए थे। किसान के लिए चिंता की बात यह थी कि उसकी पत्नी के नाम किसान क्रेडिट कार्ड पर 96 हजार रुपए कर्ज को लेकर कोर्ट परिसर में पेश होने का नोटिस मिला था, शनिवार को उसे पेश होना था, लेकिन उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।
मृतक किसान के पुत्र राहुल अहिरवार ने बताया कि उसके पिता ग्राम में ही खेती करते थे। उनके पास सिर्फ ढा़ई एकड़ जमीन है। पिछली धान की फसल की उपज नहीं हुई सिर्फ 15 क्विंटल धान हुई थी, जिसका भी कर्ज बाकी था। कुछ साहूकारों से 5 प्रतिशत ब्याज से लोगों से लाखों रुपए का कर्ज लिया था, बेटे का आरोप है कि पिता पर लगभग 3 लाख रुपए से अधिक का कर्ज हो गया था और कर्ज बढ़ता जा रहा था। जिसकी चिंता पिता को लगी हुई थी। गुरुवार को खेत गए थे, लेकिन लौटे नहीं। सुबह जाकर देखा तो खेत पेड़ से लटके हुए थे।
तीन दिन पहले बैंक कर्मचारियों ने घर आकर दिया था नोटिस
मृतक के छोटे भाई तुलसी राम ने बताया कि भाई पर करीब तीन लाख रुपए का कर्ज हो गया था। तीन दिन पहले घर पर बैंक के कर्मचारी आए थे और नोटिस देकर चले गए थे, मृतक की पत्नी माया से पति के बारे में जानकारी ली थी, जिस पर महिला ने बताया था कि वे खेत पर गए हैं, इससे पहले शनिवार को विद्युत कंपनी के कर्मचारी आए थे और पंप का तार काटकर ले गए थे।