नासा ने चंद्रमा पर इंसान को भेजने के अपने अभियान के लिए एक भारतीय-अमेरिकी सहित 18 अंतरिक्षयात्रियों का चयन किया है। नासा नेअपने चंद्र अभियान के लिए बुधवार को 18 अंतरिक्षयात्रियों के नामों की घोषणा की। इनमें आधी संख्या महिलाओं की है। नासा इन्हें अपने ‘आर्टमिस चंद्र अभियान’ के लिए प्रशिक्षित करेगा।
राजा जॉन वुरपुतूर चारी (43) यूएस एयर फोर्स एकेडमी, एमआईटी और यूएस नवल टेस्ट पायलट स्कूल से स्नातक हैं, और इस सूची में वह भारतीय मूल के एकमात्र अंतरिक्षयात्री हैं। नासा ने उन्हें 2017 ‘एस्ट्रोनॉट कैंडिडेट क्लास’ के लिए चुना। अगस्त 2017 में वह इसमें शामिल हुए थे और अपना शुरुआती प्रशिक्षण पूरा किया। अब वह अभियान के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
फ्लोरिडा में नासा के ‘केनेडी स्पेस सेंटर’ में उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को कहा, ”मेरे अमेरिकी साथियों मैं आपको भविष्य के वे नायक दे रहा हूं जो हमें चांद और उससे भी आगे ले जाएंगे: द आर्टमिस जेनरेशन।”
पेंस ने राष्ट्रीय अंतरिक्ष परिषद की बैठक में इन अंतरिक्षयात्रियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा, ”यह सोचना रोमांचकारी है कि चांद की सतह पर उतरने वाला अगला इंसान और पहली महिला उनमें से होगी जिनके नाम हमने यहां पढ़े हैं….।” आर्टमिस जेनरेशन भविष्य के अभियान के नायकों का प्रतिनिधित्व करता है।
नासा के इस अभियान के तहत 2024 में चांद की सतह पर पहली बार कोई महिला कदम रखेगी। चीफ एस्ट्रोनॉट पैट फोरेस्टर ने कहा, ”चांद की सतह पर चलना हमारे लिए किसी सपने के साकार होने जैसा होगा। अभियान में किसी भी तरह की भूमिका निभाना हमारे लिए गौरव की बात होगी।”