शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कह अगर केंद्रीय के एक मंत्री यह जानकारी देते है कि जो किसान आंदोलन चल रहा इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है, तो रक्षा मंत्री को तुरंत चीन और पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहिए। आपको बता दें कि केंद्र सरकार में मंत्री रावसाहेब दानवे ने बुधवार को दावा किया कि किसानों का विरोध प्रदर्शन के पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है।
संजय राउत ने कहा कि राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री, प्रधानमंत्री और होम मिनिस्टर को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। वहीं किसानों के मुद्दे पर चीन और पाकिस्तान को घसीटने पर शिवसेना ने कहा कि बीजेपी लीडर अपने होश से बाहर हैं। शिवसेना के प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत ने पीटीआई से कहा कि भाजपा नेता अपने होश से बाहर हैं क्योंकि उन्होंने महाराष्ट्र में सत्ता खो दी है।
रावसाहेब दानवे ने बुधवार को यह भी आरोप भी लगाया कि मुसलमानों को पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के लिए गुमराह किया गया था, लेकिन जैसा कि वे अपने प्रयास सफल नहीं हुए, अब किसानों को बताया जा रहा था कि नए कानून के कारण उन्हें नुकसान होगा।
जानें, क्या था केन्द्रीय मंत्री दानवे का दावा
दानवे महाराष्ट्र के जालना जिले के बदनपुर तालुका में कोलते ताकली में एक स्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटन पर आए थे, जहां उन्होंने ये सारी बातें कहीं। उन्होंने कहा, “जो आंदोलन चल रहा है वह किसानों का नहीं है। इसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। इस देश में मुसलमानों को पहले उकसाया गया था। क्या कहा गया था उन्हें? NRC आ रहा है, CAA आ रहा है और मुसलमानों को छह महीने में इस देश को छोड़ना होगा। क्या एक भी मुसलमान गए? वे प्रयास सफल नहीं हुए और अब किसानों को बताया जा रहा है कि उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ेगा। यह अन्य देशों की साजिश है।
मंत्री ने यह नहीं बताया कि किस आधार पर उन्होंने दावा किया कि दोनों पड़ोसी देश किसानों के विरोध के पीछे हैं। उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री ने कहा, “सरकार 24 रुपये में गेहूं खरीद रही है और चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और लोगों को क्रमशः 2 रुपये और 3 रुपये प्रति किलोग्राम पर दे रही है। सरकार सब्सिडी पर 1.75 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। सरकार किसानों के कल्याण के लिए पैसा खर्च कर रही है।”
बीजेपी नेता ने दावा किया कि केंद्र सरकार की ये पहल बताती है कि वह किसानों के लिए पैसा खर्च करने के लिए तैयार है, लेकिन दूसरे इसे पसंद नहीं करते। दानवे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के प्रधानमंत्री हैं और उनका कोई भी फैसला किसानों के खिलाफ नहीं होगा।