दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर को फ्लैट खरीदारों के कथित आपराधिक विश्वासभंग और धोखाधड़ी के एक मामले में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। गुरुवार को पूर्वी दिल्ली से सांसद गंभीर को आरोपमुक्त करने के बाद अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र सिंह ने फाइल को जिला न्यायाधीश के पास वापस भेज दिया। मजिस्ट्रेट की अदालत विशेष तौर पर उन मामलों की सुनवाई के लिए गठित की गई है जिनमें सांसद/विधायक आरोपी हैं।
पुलिस ने कानून की विभिन्न धाराओं में गौतम गंभीर के विरुद्ध पिछले साल सितंबर में पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था। फ्लैट खरीदने वाले 50 से अधिक लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने गाजियाबाद के इंदिरापुरम में 2011 में एक परियोजना के तहत फ्लैट बुक किए थे लेकिन वह परियोजना शुरू नहीं हुई। गंभीर, रुद्र बिल्डवेल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और एचआर इंफ्रासिटी प्राइवेट लिमिटेड की इस संयुक्त परियोजना के ब्रांड एम्बेसडर और निदेशक थे।इस आवासीय परियोजना में फ्लैट देने का झांसा देकर कथित तौर पर लोगों से करोड़ों रुपए ऐंठने के लिए इन कंपनियों के विरुद्ध 2016 में एक मामला दर्ज किया था।पुलिस के आरोपपत्र में गौतम गंभीर और कंपनी के अलावा उसके प्रवर्तकों मुकेश खुराना, गौतम मेहरा और बबिता खुराना को भी आरोपी के तौर पर शामिल किया गया था।