सरकारी भर्ती परीक्षाओं में आवेदकों की जगह सॉल्वर भेजकर परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के कई कोचिंग और एग्जाम सेंटर पुलिस की रडार पर हैं। इनमें दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा के कई सेंटरों को चिन्हित किया है। इनके खिलाफ सबूतों को जुटाया जा रहा है। इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी करेगी।
बता दें कि पुलिस ने 28 नवंबर को सेक्टर 62 ऑनलाइन डिजिटल एग्जाम सेंटर से तीन सॉल्वर को गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी तीन अन्य आवेदकों की जगह दिल्ली पुलिस की परीक्षा देने आए थे। पुलिस ने तीनों की निशानेदेही पर गिरोह के सरगना सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सोमवार को चरखी दादरी में कोचिंग सेंटर संचालक वजीर सांगवान और ऑनलाइन डिजिटल एग्जाम सेंटर संचालक पवन यादव को गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस रडार पर दिल्ली, एनसीआर और हरियाणा के कई कोचिंग और एग्जाम सेंटर आ गए है। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरोह के कई सदस्य अलग अलग जगह सेंटर चलाकर फर्जी तरीके से सरकारी विभागों में नौकरी लगवा रहे हैं। कई सेंटरों के बारे में भी पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। किसान आंदोलन के चलते पुलिस टीमें सुरक्षा व्यवस्था में व्यस्त है। इसके चलते आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी हो रही है।
गिरोह में रिटायर्ड फौजी भी शामिल
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गिरोह में एक रिटायर्ड फौजी भी शामिल है। चरखी दादरी के कोचिंग सेंटर संचालक वजीर सांगवान के साथ एक रिटायर्ड फौजी भी काम कर रहा था। अब पुलिस ने मामले में रिटायर्ड फौजी और कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले एक शिक्षक को भी आरोपी बनाया है। थाना प्रभारी का कहना है कि छापेमारी के दौरान दोनों आरोपी फरार हो गए। उनकी तलाश में पुलिस टीम अपने स्तर पर छानबीन कर रही है।
मुख्य आरोपियों का नहीं लगा सुराग
वहीं, पुलिस को मामले का खुलासा होने के बाद से मुख्य आरोपी गृह मंत्रालय के असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर अरविंद उर्फ नैन और आयकर विभाग के इंस्पेक्टर रवि कुमार का कोई सुराग नहीं लगा है। दोनों आरोपियों ने अपने मोबाइल बंद कर रखे है। इस वजह से पुलिस को उनकी लोकेशन के बारे में जानकारी नहीं रही है। इसके अलावा सॉल्वर मुदित कन्नौजिया भी देहरादून जाने के बाद फरार हो गया है।