नमी और कोहरे की वजह से दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर सोमवार को और बढ़ गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक सोमवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक रहा जो कि गंभीर श्रेणी से सिर्फ एक अंक दूर है। दिल्ली की हवा में इस समय साढ़े तीन गुने से भी ज्यादा प्रदूषक कण मौजूद हैं।
राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह सीजन का पहला घना कोहरा देखने को मिला। सुबह के समय कोहरे की चादर इतनी मोटी थी कि दृश्यता का स्तर भी प्रभावित हुआ। मौसम विभाग के मुताबिक सुबह 8:30 बजे पालम स्थित मौसम केंद्र में दृश्यता का स्तर शून्य था। वहीं सफरदरजंग केंद्र में यह 300 मीटर के लगभग रहा। दिन चढ़ने के साथ मौसम खुला तो दृश्यता में सुधार हुआ।
वहीं नमी और कोहरे की वजह से प्रदूषण के स्तर में भी इजाफा हुआ है। रविवार की तुलना में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक में 15 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। रविवार के दिन सूचकांक 389 के अंक पर रहा था, जबकि सोमवार को यह 400 अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को हालांकि बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है, लेकिन गंभीर श्रेणी से यह सिर्फ एक अंक दूर है। दिल्ली के 19 निगरानी केंद्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही।
शाम के समय तीन गुना प्रदूषण
सीपीसीबी के मुताबिक सोमवार शाम पांच बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम-10 की मात्रा 373 और पीएम-2.5 का स्तर 232 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। हवा में पीएम-10 की मात्रा 100 से नीचे और पीएम-2.5 की मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से नीचे होने पर ही उसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इस अनुसार देखा जाए तो दिल्ली की हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा साढ़े तीन गुने से भी ज्यादा रही।
पराली का असर नगण्य
दिल्ली के प्रदूषण में अब पराली के धुएं की हिस्सेदारी नगण्य हो गई है। केंद्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक रविवार के दिन पराली जलाने की 239 घटनाएं दर्ज की गई, लेकिन अब इसका धुआं दिल्ली की हवा को प्रभावित नहीं कर रहा है। हवा में मौजूद नमी और कोहरे के चलते प्रदूषक कण ज्यादा देर तक हवा में टिक रहे हैं, जबकि हवा की रफ्तार थमी हुई है। इसके चलते प्रदूषण का स्तर बना हुआ है। इसमें धीरे-धीरे सुधार आने की संभावना है।