बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने ही नीतीश कुमार की सरकार को घेरा है। उन्होंने राज्य के पूर्वी चंपारण जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपनी ही सरकार में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने के कारण विपक्ष हमलावर है तो सत्ता पक्ष सफाई दे रहा है। नई सरकार में इसे बीजेपी की दबाव की रणनीति के रूप में भी देखा जाने लगा है।
फेसबुक पोस्ट में लिखा डीजीपी से बात करेंगे
डॉ. संजय जायसवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट में आज सुबह बेतिया से पटना की यात्रा का जिक्र करते हुए लिखा कि रास्ते में पूर्वी चंपारण के सेमरा में जनता ने सड़क जाम कर दिया था। पता चला कि वहां आए दिन चोरियां हो रही हैं। आज गांव वालों ने चोर को पकड़ने की कोशिश की तो वह अपनी बाइक छोड़कर भागने में सफल रहा। स्थानीय तुरकौलिया थाना प्रभारी को फोन करने पर वह उल्टे गांव वालों को धमकाने लगा कि पुलिस आई तो उन्हें ही गिरफ्तार करेगी।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे लिखा है कि पूर्वी चंपारण के थानों में अव्यवस्था के हालात हैं। रक्सौल से लेकर मोतिहारी तक लगातार अपराध हो रहे हैं। मोतिहारी पुलिस प्रशासन अक्षम सिद्ध हो रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में रक्सौल हत्याकांड का भी जिक्र करते हुए लिखा है कि इसमें भी अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। डॉ. जायसवाल ले आगे लिखा है कि वे पटना पहुंचने पर खुद पुलिस महानिदेशक से मिलकर पूर्वी चंपारण की कानून व्यवस्था के बारे में बात करेंगे।
बयान पर गरमाई सियासत, पक्ष-विपक्ष ने कही ये बात
बीजेपी के इस बयान को विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर दबाव की राजनीति बता रहा है। साथ ही यह सवाल खड़ा कर रहा है कि जब उनकी ही सरकार है तो कानून-व्यवस्था ठीक करने में आखिर क्या मजबूरी है?
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि बिहार में कानून का राज नहीं रहा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डीजीपी से मिलने की बात करते हैं। उन्हें तो अपने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलना चाहिए। बीजेपी के दो-दो उपमुख्यमंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि बिहार कानून के राज के लिए बीजेपी भी समान रूप से जिम्मेदार है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा तेजस्वी यादव के बिहार में अपराधियों के राज की बात की पुष्टि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने भी कर दी है। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास गृह विभाग रहने के कारण बीजेपी सोची-समझी रणनीति के तहत ऐसी बात कर रही है। बात तो सही की जा रही है, लेकिन यह दबाव की राजनीति भी है।
उधर, बीजेपी के प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल सफाई देते हुए कहते हैं कि सरकार कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर है। उसकी चिंता अपनी नीतियों के कार्यान्वयन को लेकर है