नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए बुधवार को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की उपस्थिति में बैठक का दौर जारी है। सरकार किसानों को मनाने के लिए लगातार माथापच्ची कर रही है, लेकिन किसान किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
इससे पहले कल भी केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार बैठक के बाद किसानों के साथ चर्चा कर इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने की कोशिश की थी। हालांकि, किसानों के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रही थी और एक बार फिर इस मुद्दे पर 3 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी।
नोएडा एंट्री गेट पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने आ रहे किसानों को पुलिस ने महामाया फ्लाईओवर पर रोका, एक्सप्रेस वे पर लगा जाम।
– कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि हमारी मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और MSP पर सरकार बात करें। सरकार जल्द से जल्द इस कानून को रद्द करे नहीं तो हम दिल्ली के सारे हाईवे को जाम कर देंगे।
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगती सीमाओं के प्रवेश मार्गों पर बुधवार को लगातार सातवें दिन भी डटे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के पक्ष में आए बाबा रामदेव
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के चल रहे विरोध के बीच योग गुरु रामदेव मंगलवार को केंद्र सरकार के समर्थन में सामने आए और कहा कि सरकार को कानून बनाने से पहले किसानों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था। बाबा रामदेव ने मंगलवार को हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी। विज के कार्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में रामदेव ने कहा कि इन कानूनों में एमएसपी खत्म करने का कोई जिक्र नहीं है और न ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है। हाल के दिनों में मैंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री से बात की है, लेकिन मुझे कभी नहीं लगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म करने के लिए सरकार की कोई योजना है।
रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के खिलाफ नीतियां क्यों तैयार करेंगे। वह न तो किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के गुलाम हैं, न ही किसी कॉरपोरेट के गुलाम हैं और न ही उनकी किसानों से कोई दुश्मनी है। प्रधानमंत्री की मंशा साफ है और वह किसानों के जीवन में सुधार लाना चाहते हैं।