बहुचर्चित माखी रेप प्रकरण में पीड़िता की पैरोकारी कर रहे वकील महेंद्र सिंह की जिला अस्पताल में सोमवार सुबह मौत हो गई। करीब 16 महीने पहले कार-ट्रक की टक्कर में वह जख्मी हो गए थे। दिल्ली, लखनऊ, कानपुर में उपचार चलता रहा। जख्मी होने के बाद से वह बिस्तर ही थे। घटना से पीड़िता खेमे और वकील के परिवार में शोक की लहर है।
मजखोरिया मोहल्ले के वकील महेंद्र सिंह माखी रेप पीड़िता, उसकी चाची और मौसी के साथ कार से 28 जुलाई 2019 को रायबरेली जा रहे थे। गुरुबक्शगंज के अटौरा बुजुर्ग गांव स्थित चौकी मोड़ के पास कार से ट्रक की भिड़ंत हो गई थी, जिसमें पीड़िता की चाची समेत दो महिलाओं की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और महेंद्र सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। दोनों को रायबरेली के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां से लखनऊ के ट्रामा सेंटर भेज दिया गया था। सुधार न होने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वकील को एयर लिफ्टकर एम्स में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों की टीम ने कई ऑपरेशन किए। हालत में कुछ सुधार होने पर उन्हें लखनऊ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था।
कोविड से बचाव को परिजन होली के बाद उन्हें आवास विकास कॉलोनी निवासी भाई के घर पर ले आए थे। परिजनों के मुताबिक एक माह से पेशाब नली पड़े होने से उन्हें संक्रमण हो गया था। तीन दिन से बुखार आने पर कानपुर के न्यू लखनापुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। हालत में सुधार होने पर परिजनों ने घर ले आए थे। सोमवार सुबह अचानक हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल के इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। जानकारी होते ही काफी संख्या में वकील जिला अस्पताल पहुंच गए। शहर कोतवाल दिनेश चंद्र मिश्र मय फोर्स के पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद हैं।
पैनल ने किया पोस्टमार्टम, विसरा सुरक्षित
वकील का दो डॉक्टर के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ शहर कोतवाल से पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। पैनल में मियांगंज सीएचसी के डॉ. अफताब आलम और लखनापुर सीएचसी के डॉ. सचिन वर्मा शामिल थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने पर डॉक्टरों से विसरा सुरक्षित कराया है।