पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से अब राजस्थान के मैदानी इलाकों में भी सर्दी बढ़ गई है। ठंड के साथ-साथ गलन का अहसास भी होने लगा है। रात का पारा कई शहरों में सामान्य से 4 डिग्री नीचे चला गया। बीती रात माउंट आबू में रात का पारा औसत से 4 डिग्री लुढ़ककर 1.0 डिग्री पर आ गया। पूर्वी और उत्तरी राजस्थान में शीतलहर चलने से ठिठुरन बढ़ गई। नौ शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार सुबह कोहरा रहेगा। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी रहने से रात-दिन का पारा 3 डिग्री तक कम होगा।
जयपुर में रात का पारा 11.4°
माउंट आबू 1.0
चूरू 5.8
बीकानेर 8.5
वनस्थली 8.5
डबोक 8.5
सीकर 9.0
चित्तोडगढ 9.1
जयपुर 11.4
जैसलमेर 10.1
दिसम्बर में 5 डिग्री से भी नीचे जा सकता है रात का पारा
मौसम विज्ञानियों के अनुसार दिसम्बर-जनवरी में पिछले सालों के मुकाबले अधिक सर्दी पड़ेगी। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होने से नवंबर में ही शीतलहर जारी है। शीतलहर से तापमान में लगातार गिरावट होगी और सामान्य से 4 डिग्री नीचे जाने के बाद हाड़कंपा देने वाली ठंड पड़ेगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार समुद्र में ला नीना का प्रभाव रहने से ठंड पहले से ज्यादा पड़ेगी। सर्द हवाओं और न्यूनतम तापमान में अधिक गिरावट होने पर कई स्थानों पर पारा जमाव बिंदु यानि 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे जाने का अनुमान है। जबकि राजधानी में दिसम्बर के दूसरे-तीसरे हफ्ते में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा सकता है। यहीं नहीं न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से नीचे बने रहने से ठंड के दिन भी बढ़ सकते है।
क्या है ला-नीना?
प्रशांत महासागर में इस बार ला-नीना की स्थिति बनी हुई है। मौसम विज्ञानियों की भाषा में इसे ‘कोल्ड इवेंट’ भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से समुद्र में पानी ठंडा होने लगता है। ठंडी हवाएं चलने से वातावरण सामान्य से अधिक ठंडा होता है और तापमान गिरता है। शीत लहर की स्थिति के लिए बड़े पैमाने पर ला नीना का ही असर होता है।
दस साल में तीसरा सबसे ठंड नवंबर रहा
नवंबर में दो बार बारिश-ओले के बाद राजधानी में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री तक लुढ़ककर 9.9 डिग्री तक पहुंच गया। दस साल में आंकड़ों के अनुसार 2010 के बाद यह तीसरा सबसे ठंडा नवंबर रहा। बीती रात राजधानी में न्यूनतम तापमान 11.4 डिग्री दर्ज हुआ। 48 घंटे में 4 डिग्री तक गिरावट रही। शनिवार को अधिकतम तापमान में 26.0 डिग्री दर्ज हुआ।