दिवाली से ठीक पहले दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगा बैन हट सकता हैं। सुप्रीम कोर्ट की चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है, लेकिन साथ ही पटाखे बजाने की अनुमति देने के संकेत भी दिए हैं।
दिल्ली समेत 4 राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि त्योहार मनाने की भावनाओं का सम्मान करते हुए, उन्हें ग्रीन पटाखे बेचने और चलाने की अनुमति दी जाए।
कुछ घंटों की मिल सकती है सशर्त अनुमति
याचिकाकर्ताओं और सरकारी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने संकेत दिया कि सुप्रीम कोर्ट निम्नलिखित सशर्त अनुमति दे सकता है:
➤ समय सीमा: कोर्ट केवल कुछ घंटों के लिए ही ग्रीन पटाखे बजाने की अनुमति दे सकता है।
➤ केवल ग्रीन पटाखे: केवल कम प्रदूषण करने वाले ‘ग्रीन पटाखे’ ही बजाने की अनुमति होगी।
➤ लाइसेंसधारी विक्रेता: पटाखों की बिक्री केवल लाइसेंस होल्डर दुकानदारों द्वारा ही की जाएगी।
➤ प्रदूषण की समीक्षा (रिव्यू): सुप्रीम कोर्ट दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर की गहन समीक्षा (रिव्यू) करेगा।
➤ नेगेटिव रिव्यू पर बैन जारी: अगर रिव्यू ‘नेगेटिव’ आता है (यानी प्रदूषण बढ़ता है), तो पटाखों पर बैन जारी रहेगा।
➤ ग्रीन सिग्नल पर परमिशन: अगर प्रदूषण नहीं बढ़ता है, तभी ग्रीन पटाखों के लिए परमिशन मिल सकती है।
➤ लागू क्षेत्र: यदि बैन हटा, तो यह केवल दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं, बल्कि कोर्ट के आदेश पर निर्भर करते हुए पूरे देश में लगाया या हटाया जा सकता है।
➤ नियमों का सख़्त पालन: कोर्ट द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा और प्रदूषण नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।
पूरे देश में लागू हो सकता है बैन
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इस बार पटाखों पर बैन लगाने का फैसला हुआ, तो यह सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा। कोर्ट का अंतिम फैसला जल्द ही आने की उम्मीद है, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।