नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनकारी किसान दिल्ली कूच के लिए राजधानी के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे हुए हैं। एक तरफ जहां दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर हरियाणा और पंजाब के किसान डटे हुए हैं तो वहीं, यूपी सीमा पर भी भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में किसान हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा है। पुलिस ने बताया कि आंदोलनकारी किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। इससे पहले दिल्ली के बॉर्डरों पर डेरा जमाए बैठे आंदोलनकारी किसानों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपील की है कि वह आंदोलन खत्म करें, सरकार बातचीत के लिए तैयार है।
किसान आंदोलन लाइव अपडेट्स-
– रविवार दोपहर यूपी बॉर्डर पर किसानों की भीड़ बढ़ने लगी। इस दौरान किसानों ने दिल्ली-पुलिस की बैरिकेटिंग गिराकर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
– दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि किसानों के साथ बातचीत के लिए कोई शर्त नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार को तुरंत आयोजित की जानी चाहिए, वे हमारे देश के किसान हैं। उन्हें अपना विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए जहां वे चाहते हैं।- कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की बैठक चल रही है।
– बीजेपी सांसद शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें। हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है। लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो।
– शिवसेना सांसद संजय राउत ने बताया कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं। उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है। चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है। यह किसानों का अपमान है।
– दूसरे राज्यों के दिल्ली की ओर जाने वाले यात्रियों को सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर नाकेबंदी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक यात्री ने कहा कि हम विरोध के कारण कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। स्थिर संचार के लिए कोई वाहन नहीं है।
– दिल्ली उत्तरी रेंज के संयुक्त सीपी सुरेंद्र यादव ने बताया कि आंदोलनकारी किसान शांति से बैठे हैं और अब तक सहयोग कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि व्यवस्था उनके आंदोलन को सुविधाजनक बनाने के लिए हो।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किए गए तीन कानूनों को लेकर अपनी असहमति जताते हुए पूरे देश में किसान काफी आक्रोशित व आंदोलित भी हैं। इसके मद्देनजर, किसानों की आम सहमति के बिना बनाए गए, इन कानूनों पर केन्द्र सरकार अगर पुनर्विचार कर ले तो बेहतर।
– कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रदर्शनकारी गाज़ीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा कि हम आज दिल्ली कूच करेंगे और जंतर-मंतर या संसद भवन जाएंगे।
– सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध जारी, सुरक्षाकर्मी तैनात। यहां पर किसानों ने कल फैसला किया कि वे यहां अपना विरोध जारी रखेंगे और कहीं और नहीं जाएंगे। यह भी तय किया गया था कि वे रणनीति पर चर्चा करने के लिए रोजाना सुबह 11 बजे मिलेंगे।