भिवानी में एक किसान ने खेत में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मामले के बारे में तब पता लगा जब परिजनों ने किसान को अचेत अवस्था में खेत में पड़ा देखा। इसके बाद परिजन तुरंत किसान को अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान किसान की मृत्यु हो गई।
मामले के बारे में पता लगने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। इस मामले में पुलिस ने परिजन के बयान के आधार पर 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।
मृतक की पहचान भिवानी के दिनोद गांव के रहने वाले भगवान सिंह के तौर पर हुई है। पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक के बेटे अनुज ने बताया कि उसके पिता भगवान सिंह 5 मई को शाम करीब 7:30 बजे घर पर कहकर गए थे कि वह खरकड़ी गांव जा रहे हैं। अनुज का कहना है कि अगले दिन यानी 6 मई को उसके पिता ने उसके चाचा अर्जुन को फोन करके बताया कि वह कालिया के खेत में है।
इसके बाद अर्जुन ने कहा कि कौन कालिया? इस सवाल के जवाब में भगवान सिंह ने कहा कि वह खरकड़ी के पास है, जहां भैंसे उतारी जाती हैं। परिजन को भगवान सिंह ने यह भी बताया था कि उसे नरेंद्र उर्फ कालिया से 25 भैंसों के करीब 17 लाख रुपए लेने हैं। कालिया ने काफी लंबे समय से पैसे नहीं दिए जिसकी वजह से वह परेशान रहते हैं।
परिजन को जब पता लगा कि भगवान सिंह कालिया के खेत में है। इसके बाद अनुज के चाचा अर्जुन, चाचा रामबीर, उसका भाई राहुल सभी खरकड़ी गांव में खेतों की तरफ चले गए। उन्होंने देखा कि भगवान सिंह बेहोशी की हालत में चारपाई के पास पड़े हैं। जिसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि भगवान सिंह को नरेंद्र उर्फ कालिया, उसके बेटे और उसकी पत्नी ने पैसे देने के लिए घर पर बुलाया था। उन्हे
पैसे नहीं दिए गए, जिसकी वजह से उन्होंने तंग आकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में मृतके के परिजन की शिकायत के आधार पर पुलिस ने नरेंद्र उर्फ कालिया, उसकी पत्नी और बेटे के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।