राजस्थान के कोटा में गुरुवार को एक दुखद घटना सामने आई। 16 साल का एक छात्र अपने कमरे में मृत पाया गया, जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की तैयारी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, इस घटना के साथ ही इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 14 तक पहुंच गई है। यह छात्र बिहार के कटिहार का रहने वाला था और वह केवल 15 दिन पहले ही कोटा आया था।
जवाहर नगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) राम लक्ष्मण ने बताया, “वह जवाहर नगर इलाके के एक हॉस्टल में रह रहा था और शहर के एक बड़े कोचिंग सेंटर में NEET की तैयारी कर रहा था। मंगलवार तड़के उसने अपने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना तब सामने आई, जब हॉस्टल के कर्मचारियों द्वारा कई बार दरवाजा खटखटाने पर भी उसने कोई जवाब नहीं दिया।
लक्ष्मण ने आगे कहा, “बाद में उसके दोस्तों और हॉस्टल के कर्मचारियों ने दरवाजा तोड़ा और उसे मृत पाया। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। उसके माता-पिता को भी इस बारे में सूचित कर दिया गया है। हालांकि, हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या वह पढ़ाई से जुड़े किसी तनाव में था, क्योंकि वह केवल 15 दिन पहले ही आया था। हमने हॉस्टल अथॉरिटी के खिलाफ पंखे में एंटी-हैंगिंग डिवाइस नहीं लगाने के लिए भी जांच शुरू कर दी है।”
यह घटना कोटा में छात्रों के बीच बढ़ते तनाव और दबाव को दर्शाती है, जहां देशभर से छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। लगातार हो रही ऐसी घटनाएं चिंता का विषय हैं और इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।