नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली कूच कर रहे किसानों के प्रदर्शन के चलते हजारों वाहन खासकर ट्रक और बस करनाल में नेशनल हाइवे-44 (NH-44) पर फंसे हुए हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि पुलिस ने किसानों को करनाल में दाखिल होने से रोकने के लिए लगभग 15 किमी के दायरे में बैरिकेड्स लगा दिए हैं।
पुलिस ने हरियाणा को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर को दिल्ली से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे पर कर्ण झील के पास एक पुल पर निर्माण सामग्री से लदे ट्रकों को खड़ा किया है।
पुलिस ने एनएच-44 के एक हिस्से को कर्ण झील से तारौरी शहर तक रोक दिया है। हालांकि, ट्रैफिक को रंबा-इंद्री-करनाल रोड से जोड़ने वाले मार्गों की तरफ मोड़ दिया गया है।
एक ट्रक ड्राइवर सतपाल सिंह ने कहा कि हम पिछले 15 घंटों से यहां पर फंसे हुए हैं और यह नहीं जानते कि अभी और कितना समय लगेगा, लेकिन ट्रक ड्राइवरों को किसानों और स्थानीय गुरुद्वारों द्वारा खाना दिया जा रहा है।
करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने कहा कि जब तक किसान वापस नहीं लौटते तब तक नाकेबंदी जारी रहेगी और उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए अन्य रास्तों पर ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया है और पुलिस को तैनात किया गया है।
हरियाणा-पंजाब सीमा सील, ट्रैफिक डायवर्ट
पंजाब क्षेत्र से किसानों के प्रवेश को रोकने के लिए अंबाला प्रशासन ने गुरुवार को हरियाणा-पंजाब – शंभू और सदोपुर दोनों सीमाओं को सील कर दिया है।
शंभू बॉर्डर पर जहां से पंजाब के किसानों के बड़ी संख्या में आने की उम्मीद थी, गुरुवार सुबह से ही ट्रैफिक रोक दिया गया। अंबाला पुलिस ने बुधवार को पंजाब से अंबाला और अंबाला से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहनों के प्रवेश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। हालांकि अंबाला में NH-44 पर थोड़ा ट्रैफिक मूवमेंट था, यहां अधिकतर स्थानीय वाहनों को ही देखा गया।
अंबाला छावनी के पास हाइवे पर सेना के काफिले सहित कई वाहनों विशेष रूप से भारी ट्रक फंसने के चलते यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़। ये वाहन देर शाम तक कई किलोमीटर तक फंसे रहे। हालांकि, एसपी राजेश कालिया ने कहा कि भारी वाहनों के डायवर्जन से शहरों में ट्रैफिक जाम हो सकता है।