नाबालिग से यौन शोषण के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे आसाराम ने जल्द सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। अब हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता और रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने आसाराम की याचिका को मंजूर कर लिया है। याचिका में आसाराम ने अपनी 80 साल की उम्र का हवाला देते हुए जल्द सुनवाई करने की मांग की है। आसाराम जल्द से जल्द जेल से बाहर आना चाहता है। यह तभी संभव है, जब अधीनस्थ कोर्ट के फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में दायर अपील पर शीघ्र सुनवाई पूरी हो। अब जनवरी के तीसरे सप्ताह में उसकी अपील पर सुनवाई शुरू होगी। कोर्ट ने सोमवार को ही बहस का प्रस्ताव दिया था, लेकिन आसाराम के वकील तैयार नहीं थे।
अदालत ने आसाराम की उम्र देखते हुए जल्द सुनवाई की अर्जी स्वीकार की
बता दें कि एससी-एसटी कोर्ट ने 25 अप्रैल 2018 को यौन उत्पीड़न के मामले में आसाराम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। फैसले को आसाराम ने उसी साल हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब उस अपील पर जल्द सुनवाई कराने के लिए उसकी ओर से अर्जी पेश की गई।
आसाराम की ओर से वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) के जरिए अधिवक्ता प्रदीप चौधरी ने पैरवी की और कहा कि 2013 से आसाराम जेल में है और उसकी उम्र करीब 80 साल है। उसकी उम्र को देखते हुए अपील पर जल्द सुनवाई की जाए। खंडपीठ ने भी आसाराम की उम्र देखते हुए अपील पर जल्द सुनवाई की अर्जी को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट ने बहस का दिया था प्रस्ताव
जब कोर्ट से आग्रह किया कि आसाराम की अपील पर जल्द सुनवाई की जाए तो जस्टिस मेहता और जस्टिस व्यास की खंडपीठ ने आसाराम के अधिवक्ता को कहा कि सोमवार को ही अपील पर बहस कर ली जाए। वे सुनने को तैयार हैं, लेकिन अधिवक्ता सुनवाई के लिए तैयार नहीं थे।